दिल्ली. एक मुस्लिम महिला ने पति को तलाक लेने से रोकने लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महिला ने शायरा बानो मामले में अगस्त, 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले केहवाला दिया है। साथ ही महिला ने ट्रिपल तलाक अध्यादेश के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की भी गुहार की है।

वकील एमएम कश्यप के माध्यम से महिला द्वारा दायर याचिका में कहा गया है 22 मार्च, 2009 को मुस्लिम रीति रिवाज से उसकी शादी हुई थी। शादी में उसके घरवालों ने 21 लाख रुपये खर्च किए थे। उसके दो बच्चे हैं।

महिला का कहना है कि दहेज के लिए पति उसे प्रताड़ित करता था। उसकी पिटाई भी करता था। गत 16 मार्च को पति ने उसे घर से निकाल दिया। महिला ने दावा किया है कि पति ने 23 मार्च, 29 मार्च और सात मई (तीन बार) तलाक का नोटिस भेजकर वैवाहिक संबंध खत्म करने की बात कही है।

वकील ने न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। जिस पर पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गईं। इस पर वकील ने कहा कि चूंकि शीर्ष अदालत ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया था, उसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीठ ने महिला की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है।