पटना। बच्चियों में जागरूकता के लिए आयोजित कार्यशाला में एक लड़की ने पूछा कि क्या सरकार 20-30 रुपए का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती? इसके जवाब में एक सीनियर महिला IAS अधिकारी ने इस तरह की मांग का कोई अंत नहीं बताते हुए कहा कि अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में भी देना पड़ेगा.

मंगलवार को ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवर्ड्स एन्हान्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड’ विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन एवं प्लान इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से आयोजित इस वर्कशॉप का मकसद लैंगिक असमानता मिटाने वाली सरकारी योजनाओं से बच्चियों को वाकिफ कराना था, लेकिन जब बच्चियों ने महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा से इन्हीं योजनाओं से जुड़े सवाल पूछे तो उन्हें अजीबो-गरीब जवाब मिले. इससे वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे सभी लोग स्तब्ध रह गए.

जानिए महिला विकास निगम की एमडी ने स्लम से आई 9वीं-10वीं की छात्राओं से क्या कहा…

छात्रा – मैं मिलर स्कूल की छात्रा हूं. स्कूल का शौचालय टूटा है. अक्सर लड़के भी घुस जाते हैं. शौचालय न जाना पड़े, इसलिए कम पानी पीते हैं.

हरजोत कौर – अच्छा यह बताओ, तुम्हारे घर में अलग से शौचालय है. हर जगह अलग से बहुत कुछ मांगोगी तो कैसे चलेगा.

छात्रा – नहीं मैम, जो सरकार के हित में, सरकार को देना चाहिए. वह तो दे.

हरजोत कौर – सरकार से लेने की जरूरत क्यों है. यह सोच गलत है. खुद भी कुछ किया करो.

छात्रा – मैं प्रिया कमला नेहरू नगर से आई हूं. सरकार सब-कुछ देती है. क्या स्कूल में 20-30 रुपए का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती है?

हरजोत कौर – अच्छा जो ये तालियां बजा रहे हैं. इस मांग का कोई अंत है. 20-30 रुपए का सैनिटरी पैड दे सकते हैं. कल काे जींस-पैंट दे सकते हैं. परसों सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? नरसों को वो नहीं कर सकते. अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में देना पड़ेगा.

छात्रा – सरकार को यह इसलिए देना चाहिए क्योंकि वह हमसे वोट लेने आती है.

हरजोत कौर – बेवकूफी की इंतहा है. मत दो वोट. चली जाओ पाकिस्तान. वोट तुम पैसों के एवज में देती हो! सुविधाओं के एवज में देती हो! बताओ!

छात्रा – मैं हिन्दुस्तानी हूं तो पाकिस्तान क्यों जाऊं.

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