एक एक्सप्रेस ट्रेन के AC कोच में मोबाइल और लैपटॉप चार्जर के प्लग का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक केतली में मैगी नूडल्स बनाने का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद सेंट्रल रेलवे ने सख्त रुख अपनाया है। रेलवे ने संबंधित सोशल मीडिया चैनल और वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि महिला यात्री की पहचान कर ली गई है और उसका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 147(1) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो में क्या?
वीडियो में एक इलेक्ट्रिक केतली को मोबाइल चार्जिंग के लिए बने सॉकेट से जुड़ा दिखाया गया है। मराठी में बोल रही महिला का कहना है कि उसने इसी तरीके से 10-15 लोगों के लिए चाय बनाई। यह वीडियो रेल यात्री सरिता लिंगायत के इंस्टाग्राम हैंडल से अपलोड किया गया है। जो कि 20 नवंबर को इंस्टाग्राम और X समेत दूसरे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। वीडियो में महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि देखो मैंने ट्रेन में क्या किया.. मैं मैगी बना रही हूं.. मैंने चाय बनाई है.. मेरा मतलब है कि मैं यहां छुट्टी पर भी नहीं हूं.. यहां किचन भी खुला है.. एकादशी है।
ट्रेन के सॉकेट मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग के लिए
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रिक केतली में 1000–2000 वाट तक बिजली इस्तेमाल होती है, जबकि ट्रेन के सॉकेट सिर्फ 15–20 वाट के होते हैं। ये मोबाइल-लैपटॉप जैसे छोटे उपकरण चार्ज करने के लिए बनाए गए हैं। इन सॉकेट में 110V AC करंट होता है, जो घरेलू 220V-240V से कम है। ओवरलोडिंग से शॉर्ट-सर्किट के चलते बोगी में आग लग सकती है। इससे लाइट, पंखे और एसी सिस्टम पर भी असर हो सकता है। ये अन्य यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इससे बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है और ट्रेन के एसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक पोर्ट भी खराब हो सकते हैं।
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