दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। आदिवासी जिला डिंडोरी में स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह से दम तोड़ रही है। इसका नया उदाहरण बुधवार को गोराकन्हारीे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Gorakanhari Primary Health Center) में देखने को मिला। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म (woman gave birth to a child on the side of the road) दे दिया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
दरअसल थाना क्षेत्र समनापुर अंतर्गत गोराकन्हारीे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तीन दिनों से बंद पड़ा है। किवाड़ समनापुर का रहने वाले राजू टाडिंया की पत्नी नंदनी टांडिया को बुधवार को प्रसव पीड़ा उठा। राजू टाडिंया अपनी पत्नी को लेकर बुधवार की दोपहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौराकनहारी पहुंचा। परिजन गर्भवती को लेकर पहुंचे तो गोराकन्हारीे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का गेट बंद था। वहीं महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि महिला को लेकर कहां जाए। इसी दौरान दर्द से तड़पती महिला ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट के बाहर सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया।
इसे भी पढ़ेः एमपी में भीषण सड़क हादसाः दो बसों की टक्कर में दो की मौत, 50 से ज्यादा यात्री घायल
वहीं इस घटना में बीएमओ की लापरवाही भी सामने आई है। बताया जाता है कि बीएमओ कभई भी अपने क्षेत्र का भ्रमण नहीं करते हैं। इसके कारण यह सब अनियमितताएं उजागर हो रही है।
स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नहीं
बता दें कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई डॉक्टर नहीं है। ना ही कोई कर्मचारी प्रतिदिन आते हैं। मतलब साफ है कि शासन के द्वारा बैगा बाहुल्य क्षेत्र में गरीब आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का सीधे तौर पर उलंघन कर लोगों की जान एवं अधिकार के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ेः पीएचई मंत्री के रिश्तेदार के घर चोरों का धावा, सोने-चांदी के जेवरात समेत लाखों रुपए की चोरी, पुलिस जांच में जुटी
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक