निशांत राजपूत, सिवनी। कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) का टारगेट पूरा करने के लिए किस तरह बड़ी लापरवाही की जा रही है। टारगेट के चक्कर में स्वास्थ्य विभाग न सिर्फ मुर्दों को कोरोना वैक्सीन लगा रही है, बल्कि उनके सर्टिफिकेट भी जारी कर रही है। इसका एक ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से आई है। यहां अप्रैल में मृतक हुई महिला की स्वास्थ्य विभाग ने अक्टूबर महीने में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब मृतिका के बेटे के मोबाइल पर दूसरा डोज लगने का मैसेज आया। अब मृतक का बेटा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले में जांच की बात कह रहा है।
दरसल मृतक महिला लक्ष्मीबाई लाहोरी जो कि पलारी की रहने वाली थी है। मृतिका का बेटा कैलाश लाहोरी ने बताया कि उनकी मां की उम्र 72 साल थी। कोविशिल्ड का पहला डोज 22-03-2021 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा पलारी मै लगाया गया था। इसके बाद उनकी तबियत खराब हो गई थी। उन्हें टाइफाइड हो गया था। टाइफाइ़ड के कारण 21 अप्रैल 2021 को उनकी मौत हो गई थी। नके पास और ग्राम पंचायत खैरा पलारी द्वारा जारी हुआ मृत्यु प्रमाण पत्र भी है।
इसी दौरान 23 23 अक्टूबर को 3 बजकर 35 मिनट पर लक्ष्मीबाई लाहोरी के बेटे कैलाश के मोबाइल पर मैसेज आया कि लक्ष्मी लाहोरी को कोविशिल्ड का दूसरा डोज लग चुका है। उसके साथ पहला और दूसरा कोविशिल्ड का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था। मृत मां को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगने का मैसेज आने के बाद कैलाश लाहोरी को सिर चकरा गया।
इसके बाद कैलाश लाहोरी ने PHC विभाग खैरा पलारी और केवलारी में फोन कर इसके बारे में जानकारी मांगी। कैलाश लाहोरी ने अधिकारियों को महिला के अप्रैल महीने में ही मौत होने की जानकारी दी। साथ ही पूछा कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। ब सवाल यह है कि जो महिला लक्ष्मीबाई इस दुनिया मे नहीं है तो उनको कोविशिल्ड (Covshield vaccine) का दूसरा डोज लगाने का सर्टिफिकेट कैसे जारी कर दिया गया। मृतिका के बेटे ने मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते जांच की मांग की है।