दिल्ली. केरल के सबरीमाला स्थित अयप्पा स्वामी के मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा तोड़कर घुसनेवाली दो प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं में से एक कनकदुर्गा ने ससुराल में रोके जाने पर सरकारी आश्रय गृह में शरण ली है।

दो बच्चों की मां और सरकारी कर्मचारी कनकदुर्गा के ससुराल वाले इस बात को लेकर उसपर बेहद खफा हैं कि उसने मंदिर में घुसने की योजना के प्रति उन्हें अंधेरे में रखा। ससुरालियों के अनुसार, 22 दिसंबर को कनकदुर्गा मलप्पुरम जिले के अरीक्कोड स्थित घर से यह कहकर गई थी कि वह तिरुवनंतपुरम में एक मीटिंग में जा रही है।

39 वर्षीया कनकदुर्गा और 40 वर्षीया बिंदु अम्मिनी ने इसके बाद 24 दिसंबर को अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन श्रद्धालुओं के भारी विरोध के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। प्रयास असफल हो जाने के बाद दोनों ने घर जाने से इनकार कर दिया था और पुलिस सुरक्षा में रह रही थी। अंतत: दोनों गत 2 जनवरी को मंदिर में प्रवेश करने में सफल हो गईं।

कनकदुर्गा इसके बाद 15 जनवरी को घर लौटी, जहां उसका सास से झगड़ा हो गया। वह घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुई। उसकी सास भी मलप्पुरम के पेरनिंथलमन्ना स्थित अस्पताल में भर्ती हुईं। दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया था। पुलिस-प्रशासन ने परिवार को समझाने की काफी कोशिशें कीं लेकिन घरवाले नहीं मानें। उनका कहना है कि कनकदुर्गा तभी इस घर में प्रवेश कर सकती है, जब वह अयप्पा श्रद्धालुओं और हिन्दू समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेगी।

रूढिवादी नायर समुदाय के इस परिवार का कहना है कि कनकदुर्गा के ‘कृत्य’ से समुदाय को शर्मसार होना पड़ा है और लाखों श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंची है। उसके सरकारी कर्मी पति ने कहा कि वे उसे तब तक नहीं स्वीकार करेंगे, जब तक कि वह ‘अपने पाप का प्रायश्चित’ नहीं कर लेती है।

कनकदुर्गा के साथ मंदिर प्रवेश करनेवाली कन्नूर विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षक बिंदु अम्मिनी ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि उसके पति ने घर में ताला लगा दिया है और किसी रिश्तेदार के घर चले गए हैं ताकि कनकदुर्गा को घर आने से रोका जा सके। वर्तमान में कनकदुर्गा पेरनिंथलमन्ना स्थित एक सरकारी आश्रय गृह में है। हम उसक परिवारवालो के खिलाफ कोर्ट मे मामला ले जाएंगे।’

बिंदु ने कहा कि उसे किसी तरह की समस्या नहीं आई क्योंकि उसके पति और बेटी से उसे पूरा समर्थन मिल रहा है। उधर, रविवार को तिरुवनंतपुरम में अयप्पा श्रद्धालु सम्मेलन में भाग ले रहे कनकदुर्गा के आरएसएस के स्वयंसेवक भाई भारत भूषण ने कहा कि उन्होंने भी बहन को छोड़ दिया है। उसे केवल सार्वजनिक माफी मांगने के बाद ही स्वीकार करेंगे।