सत्यपाल राजपूत, रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुक्रवार को मरीन ड्राइव के पास भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों का रेस्क्यू किया. टीम को यहां पर 10 बच्चे मिले. इनमें से 8 के पालकों के बारे में टीम को जानकारी मिली. इसके बाद सभी पालकों को बुलाकर काउंसलिंग की गई. वहीं दो के पालक नहीं मिले. इस कारण दोनों को बाल सुधार गृह भेजा गया. अधिकारियों ने बताया कि इन बच्चों के रहने-खाने पढ़ाई लिखाई का ख़र्च सरकार उठाएगी, भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. रेस्क्य के दौरान टीम को लड़की एवं महिलाओं के अवैध प्रवास के बारे में भी जानकारी मिली.

बाल सुरक्षा एवं विकास अधिकारी नवनीत ने बताया कि महिला बाल विकास के सचिव और जिला कलेक्टर के आदेशानुसार बाल श्रम महिलाओं एवं बालिकाओं की अवैध प्रवास को रोकने के लिए टीम गठित की गई है. लगातार शहर में रेस्क्यू किया जा रहा है. मरीन ड्राइव में रेस्क्यू किया गया, जिसमें छोटे बच्चे भिक्षावृत्ति करते व झूठा खाना खाते पकड़े गए.

अभी कोरोना वायरस को देखते हुए सावधानी से इन सभी बच्चों को खाना खिलाया गया, उसके बाद रेस्क्यू टीम के माध्यम से उनसे बातचीत किया गया. बातचीत में पता चला कि इनमें से कई बच्चों के माता पिता ही नहीं है तो किसी के पिता नहीं है और घर भी नहीं है ये बस स्टॉप दुकान के सामने रहते हैं, जिन बच्चों की मां है वो भी भीख मांगकर जीवनयापन कर रहे है, इसलिए इन सभी बच्चों को पढ़ाया जाएगा. फ़िलहाल इन बच्चों को रेस्क्यू टीम के माध्यम से बाल विकास आश्रम में भेजा गया है, जिन बच्चों के परिजन पहुंचेंगे उनका काउंसलिंग कर उनको समझाया जाएगा.