रायपुर. अब बच्चों के आधार कार्ड बनाने का पूरा जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम उठाएगी, इसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. विभाग की टीम 0 से 14 वर्ष के बच्चों का आधार कार्ड बनाएगी, यदि विभाग को बच्चे के जन्म की जानकारी मिलती है तो मितानिन दीदियां ये जानकारी विभाग को देगी और विभाग की टीम बच्चे के घर पहुंच कर उसका आधार कार्ड बनाएगी.

15 साल तक रहेगी आधार कार्ड की वैधता

महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया कि तुरंत जन्मे बच्चे का भी आधार कार्ड बनाया जा सकता है, आधार कार्ड में छोटे बच्चे की तस्वीर लगाई जाएगी. जब बच्चा बड़ा होगा, तब भी उसके आधार कार्ड की वैधता होगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चे का चेहरा भले ही बदल जाए पर उसके आंखों में कोई बदलाव नहीं होगा और इसी से बच्चे की पहचान होगी. 15 साल तक आधार कार्ड की वैधता रहेगी, इसके बाद इसमें सुधार कर नई तस्वीर भी लगाई जा सकती है.

गुमशुदा बच्चे की आसानी से होगी पहचान

महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाने से बहुत से फायदे होंगे, यदि कोई बच्चा गुम हो जाए तो विभाग को उसकी पहचान जल्द हो सकेगी. कई बार बच्चे छोटे होते है, वे ठीक से कुछ बता नहीं पाते ऐसे में उसके आंखों और फिंगर प्रिंट के माध्यम से बच्चे के आधार कार्ड की जानकारी सामने आ जाएगी, जिसकी वजह से बच्चों को उनके घर लौटाया जा सकेगा.

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