स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने विश्व क्रिकेट की वित्तीय ताकत के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि की क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने गुरुवार को डरबन (Durban) में अपनी बोर्ड बैठक में राजस्व वितरण मॉडल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. बैठक में आईसीसी ने एक ऐतिहासिक फैसला भी लिया. आईसीसी ने वेतन समानता लाने की कवायत के तहत अपनी वैश्विक टूर्नामेंट में महिला और पुरुष टीमों (Women’s & Men’s Team) के लिए समान पुरस्कार राशि (Equal Prize Money) की घोषणा की. इससे विश्व क्रिकेट में नए युग की शुरुआत हुई. इसकी जानकारी बीसीसीआई सचिव जय शाह (BCCI Secretary Jay Shah) ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर दी.

बता दें कि, दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित आईसीसी की वार्षिक बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आईसीसी बोर्ड ने 2030 तक पुरस्कार राशि में समानता लाने की अपनी प्रतिबद्धता को समय से काफी पहले पूरा कर लिया है. आईसीसी ने कहा कि टीमों को अब तुलनात्मक रूप से सकमान स्पर्धाओं में समान स्थान पर रहने के लिए समान पुरस्कार राशि सहित उन स्पर्धाओं में मैच जीतने पर भी समान राशि मिलेगी. आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले (ICC President Greg Barclay) ने कहा कि यह हमारे खेल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है और मुझे खुशी है कि आईसीसी की वैश्विक टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करने वाले पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान रूप से पुरस्कृत किया जाएगा.

गौरतलब है कि बीसीसीआई सचिव शाह ने इस फैसले का स्वागत किया है. शाह ने नीति तैयार करने में वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों की समिति (F&CA) के प्रमुख के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई और पिछले वर्ष अपने बोर्ड में भी ऐसा ही किया था. उन्होंने कहा कि मैं इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने के लिए साथी बोर्ड सदस्यों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. चलिए एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें जहां क्रिकेट पूरी दुनिया में फलता-फूलता रहे.

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