रायपुर – कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच जहां लोगों को घर में रहने और लोगों से दूरी बनाकर रखने की सीख दी जा रही है। वहीं समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी जान की परवाह किए बगैर लॉकडाउन के दौरान आश्रय स्थलों या अन्य स्थानों में रहने वालों की सुविधाओं और जरूरतों का ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में सामाजिक संगठन की महिलाएं राजधानी के मलीन बस्तियों में जाकर जरूरतमंद लोगों को जहां कपड़े, सूखा राशन के साथ ही माहवारी स्वच्छता के महत्व को बताते हुए सैनेटरी नैपकीन भी बांट अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रही हैं।

 

ये महिलाएं मानवता के इस कार्य में दिन रात जुटकर जरुरतमंदों की सहायता कर रही हैं। समाज सेवी इन महिलाओं में कुछ तो आम गृहणी हैं, कुछ छात्राएं हैं तो कुछ आंगनबाड़ी की कर्मठ कार्यकर्ताएं हैं। दिन में ये शासन द्वारा सौंपे हुए कार्यों को कर रही हैं, तो काम से मुक्त होने के बाद अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए राजधानी में बनें आश्रय स्थलों और मलीन बस्तीयों में जाकर लोगों को जरूरी सामान मुहैय्या करा रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान यह सेवा निरंतर जारी रहेगी और उसके बाद भी किसी जरूरतमंदों को वे अपनी सेवाएं देती रहेंगी।

खरीदकर बांट रही सैनेटरी नैपकिन्स – रूखमणी साहू और सुमन ने बताया महिलाओं को माहवारी से भी गुजरना पड़ता है। लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोग आश्रय स्थलों में रह रहे हैं उन्हें खाने पीने के सामान के साथ ही वहां ठहरीं महिलाओं के लिए सैनेटरी नैपकीन्स की जरूरत हमनें महसूस की और सभी महिलाओं ने बाजार से खरीदकर जरूरतमंदों को सैनेटरी नैपकीन्स बांटना शुरू किया है। राजधानी में जब से लॉकडाउन है तब से अभी तक उन्होंने लगभग 460 लोगों को सूखा राशन बांटा है और मलीन बस्तियों, आश्रय स्थलों में लगभग 100 पैकेट सैनेटरी नैंपकीन्स की वितरण कर चुकी हैं।

इन क्षेत्रों में भ्रमण– सुमन यादव के मुताबिक राजधानी के आमानाका, भाटागांव, बोरिया, कटोरातालाब, देवरापारा, राधा स्वामी भवन, अर्जुन नगर, पुरानी बस्ती, शहीद चूणामणी वार्ड समेत अन्य क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। कुछ मलीन बस्तियों में जाकर जरूरतमंद लोगों को पुराने कपड़े , सूखा राशन और माहवारी स्वच्छता के महत्व को बताते हुए सैनेटरी नैपकीन्स का वितरण किया जा रहा है। यह क्रम लॉकडाउन के दौरान जारी रहेगा।