पटना। बिहार सरकार ने राज्य में महिला सशक्तीकरण को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने घोषणा की कि जीविका से जुड़ी महिलाएं अब पिंक बसों में चालक और कंडक्टर की भूमिका निभाएंगी जिसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह फैसला न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा बल्कि सार्वजनिक परिवहन में उनकी भागीदारी को भी बढ़ाएगा।

आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखेगी

पटना स्थित विश्वेश्वरैया भवन में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने बताया कि इच्छुक जीविका दीदियों को पटना और औरंगाबाद स्थित आईडीटीआर (इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च) में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल कई महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखेगी।

न्यूनतम योग्यता आठवीं पास रखी

सरकार ने चालक पद के लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास रखी है, जबकि नौवीं और दसवीं पास अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं कंडक्टर बनने के लिए अभ्यर्थी का दसवीं पास होना अनिवार्य होगा। आवेदन प्रक्रिया 15 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगी। प्रशिक्षण पूरा करने और एचएमवी लाइसेंस प्राप्त करने पर योग्य महिलाओं को पिंक बसों में संविदा पर नियुक्ति दी जाएगी।

100 पिंक बसें चल रही

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 100 पिंक बसें चल रही हैं और इनके संचालन के लिए 200 महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक के दौरान उन्होंने सड़क दुर्घटना रोकथाम, जागरूकता अभियान और लंबित योजनाओं को तेज गति से पूरा करने के निर्देश भी दिए।