रायपुर. प्रदेश महिला कांग्रेस ने रेलवे द्वारा बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए 40 ट्रेनों के रद्द होने पर कड़ा विरोध जताया है. प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं प्रवक्ता प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने रेलवे के इस निर्णय को महिलाओं और बच्चों पर प्रशासनिक अत्याचार करार दिया है.
प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा, “आज पुनः यात्रियों की सुविधा के बिना दूसरी कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर रेलवे ने अलग-अलग रूट की 40 ट्रेनों को रद्द कर दिया. इस वजह से रायपुर के 15,000 लोगों को टिकट कैंसिल करना पड़ा और देशभर में पौने दो लाख से ज्यादा यात्री प्रभावित होंगे. स्कूल की गर्मी की छुट्टियों के कारण इस समय सबसे अधिक महिलाएँ और बच्चे सफर करते हैं.”
इस मुद्दे पर राज्यसभा सांसद एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती फूलो देवी नेताम ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के इस क्रूर रवैये की छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस कड़ी निंदा करती है. साथ ही भारतीय जनता पार्टी को आगाह करती है कि महिलाओं के साथ किए जा रहे इस प्रशासनिक अत्याचार का सबक जनता आगामी चुनाव में सिखाएगी.”
पीड़ित यात्रियों की समस्याएँ
रेलवे के इस अचानक फैसले से न केवल यात्री परेशान हुए हैं बल्कि उनमें नाराजगी भी देखी जा रही है. बिना किसी पूर्व सूचना के ट्रेनों के रद्द होने से लोगों की यात्रा योजनाएँ बाधित हुई हैं और विशेषकर महिलाएँ और बच्चे कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.
आक्रामक रुख अपनाने की चेतावनी
महिला कांग्रेस की इस नाराजगी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है. प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं निकला गया तो कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर और भी आक्रामक रुख अपनाएगी.
इस पूरे मामले को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि रेलवे और केंद्र सरकार इस पर ध्यान देंगे और यात्रियों की समस्याओं का समाधान करेंगे. जनता आगामी चुनाव में इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेगी, यह देखना दिलचस्प होगा.
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