छत्तीसगढ़ सरकार की हर हाथ रोजगार की मंशा पूरी होती दिख रही है. प्रदेश के युवाओं और महिलाओं को काम मिल रहा है. जिससे वे आत्मनिर्भर हो रहे हैं. इसी कड़ी में बस्तर अंचल में भी महिलाओं के लिए रोजगार के रास्त खुल गए हैं. ग्रामीण महिलाओं ने आसपास के गांव में अंडे की मांग को देखते हुए कुक्कुट पालन का काम शुरू किया है. बस्तर जिले के ग्राम मेंडोली में बनाए गए रीपा में महिला स्व-सहायता समूह अंडो का विक्रय कर रही हैं. समूह द्वारा अंडे की सप्लाई जिले के सुपोषण केन्द्रों, छात्रावासों, पोटाकेबिन, आर्मी कैम्प समेत स्थानीय बजारों में किया जा रहा है. इससे महिला समूहों को अच्छी आमदनी हो रही है.

बढ़ते हुए बच्चों को कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. आहार के माध्यम से इसे पूरा किया जा सकता है. अंडे में प्रोटीन आयरन, विटामिन-ए, विटामिन-बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ऐसे में अंडे का सेवन कर शरीर को पोषित करने में मदद मिलती है. नन्हें-मुन्हें बच्चें अंडे को बहुत चाव से खाते हैं. दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के बच्चों को सुपोषित करने के लिए स्कूलों और आंगनबाड़ी में अंडा दिया जा रहा है.

रीपा से मिला रोजगार

ग्राम मेंडोली के गौठानों में बनाए गए महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क में ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, मछलीपालन, कुक्कुट पालन जैसी कई आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है. महिला समूह द्वारा स्थानीय युवा मितान क्लब की महिलाओं के साथ महिलाएं मिलकर कुक्कुट पालन कर रही है.

स्व-सहायता समूह और मितान क्लब मिलकर कर रहे देखभाल

कृष्णा समूह के द्वारा उन्नत प्रजाति के कुक्कुट पाले जा रहें है. समूह में 5 महिला और 5 युवा मितान के सदस्य शामिल है. कुक्कुट की देखभाल की जिम्मेदारी समूह की महिलाएं बारी-बारी से कार्य करती है. समूह ने मार्च-2023 से 2500 नग अंडे का विक्रय किया जा रहा है. समूह कि महिलाएं बटन मशरूम, गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने कार्य से जुड़ी हुई है.