दिल्ली. ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आसन्न लोकसभा चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के ऐलान के बाद से पार्टी से टिकट पाने की आकांक्षी महिलाएं अब एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।

लोकसभा और राज्यविधान सभा चुनावों के लिए अधिक महिला प्रत्याशियों को मौका देने के बीजद के फैसले का कांग्रेस और भाजपा पर असर पड़ रहा है।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख निरंजन पटनायक ने कहा, ”मैंने निर्देश दिये हैं कि लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी करने से पहले महिलाओं को अधिक संख्या में नामांकित किया जाए।” भाजपा की राज्य महिला इकाई भी पार्टी के भीतर इस बात का दबाव बना रही है कि महिला उम्मीदवारों को अधिक तरजीह दी जाए।

बीजद की इस घोषणा के बाद उसे कम से कम सात महिलाओं को टिकट देने होंगे क्योंकि इस राज्य में लोकसभा की 21 सीटें हैं। बीजद ने राज्य विधानसभा के लिए ऐसा कहने से परहेज किया है। राज्य के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही संपन्न होने हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह फैसला मुश्किलें भी पैदा कर रहा है क्योंकि महिलाओं की तरफ से इस ऐलान को हाथों हाथ लिया गया है।

बीजद ने यह बात केवल लोकसभा सीटों के लिए कही है, पर विधानसभा का टिकट पाने की इच्छुक महिलाओं का मानना है कि विधानसभा चुनावों के लिए समानुपात में महिलाओं को उतारा जायेगा। राज्य में विधानसभा की 147 सीटें हैं। इस कदम से मौजूदा नेताओं में डर बैठ गया है कि उनका टिकट कट जायेगा और वे इस वजह से अब अपनी पत्नियों को आगे कर रहे हैं। वर्तमान में ओडिशा से तीन महिलाएं लोकसभा में पहुंची हैं और ये तीनों बीजद से ही हैं, जबकि विधानसभा में कुल 12 महिलाएं हैं।