संदीप शर्मा, विदिशा। ‘साड़ियों की ओट में एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था’ जी हां…. मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से आई तस्वीर कुछ यही कहानी बयान कर रही है। यहां प्रसव पीड़ा के बाद भी स्टाफ नर्सों ने प्रसूता को अस्पताल में भर्ती नहीं किया। गर्भवती अस्पताल के बरामदे में प्रसव पीड़ा से कराहती रही। उसकी स्थिति देखकर कुछ महिलाओं को दया आ गई। इसके बाद महिलाओं ने साड़ियों का घेरा बनाकर गर्भवती की डिलेवरी कराई। उसके बाद स्टाफ नर्स पहुंचे और महिला को लेकर वार्ड में गए। साड़ियों की ओट में प्रसव कराने का वीडियो भी Lalluram.Com को मिला है। मामले में विदिशा सीएमएचओ डॉ. अखंडप्रताप सिंह सिर्फ जांच का आश्वासन दे रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला विदिशा जिले के कुरवाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ( Kurwai Primary Health Center) का है। यहां गर्भवती आदिवासी महिला को मंगलवार रात परिजन प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि अस्पताल में प्रसव पीड़ा ज्यादा तेज नहीं उठने पर नर्सों ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बुधवार सुबह महिला को एक बार फिर से प्रसव पीड़ा हुआ। परिजन गर्भवती को लेकर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान कोई भी कर्मचारी या नर्स ने गर्भवती को भर्ती नहीं किया। महिला और उसका पति भर्ती करने के लिए निवेदन करते रहे। वहीं स्टाफ नर्सें अपनी ही दुनियां में खोई थी। थक हारकर महिला अपने पति के साथ अस्पताल के बरामदे में जाकर बैठ गई।
इसी दौरान गर्भवती को तेज प्रसव पीड़ा उठा। उसकी हालत देखकर वहां बैठे महिलाओं को दया आ गई। महिलाओं ने साड़ियों का घेरा बनाकर महिला के खुले में प्रसव कराया। इसके बाद नर्सों की नींद खुली और व्हील चेयर लेकर पहुंचे। उसके बाद महिला को लेकर वार्ड में गए। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। वहीं मामले में परिजनों के साथ अन्य लोगों ने नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
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