सुप्रिया पांडेय, रायपुर. गोबर का गुलाल सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा पर ये सच है. देश में ऐसा पहली बार होगा. जब गोबर से गुलाल भी बनाया जा रहा है. जिसकी डिमांड अन्य राज्यों से भी हो रही है.
बता दें कि रायपुर के संतोषी नगर स्थित गोकुल नगर गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाएं गोबर से गुलाल तैयार कर रही हैं. इस गुलाल की खास बात यह भी है, कि ये कपड़े और चेहरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. कुछ दिनों में 50 से 100 रुपए की कीमत में गोबर के गुलाल बाजारों में भी उपलब्ध होंगे.
ऐसे बनाया जा रहा गोबर का गुलाल
गाय के गोबर को सूखाने के बाद पप्लाइजर मशीन से पीसा जाता है, इसके बाद फूलों को पीसकर गोबर के चूरे में मिलाया जाता है. फूलों से रंगों से गुलाल के लिए प्राकृतिक रंग भी मिल जाता है. इसके बाद इसे फिर से सुखाकर पीसा जाता है और गुलाल तैयार हो जाता है.
गोठान संचालक रितेश अग्रवाल बताते हैं, कि उन्हें हमेशा से ही कुछ अलग करने का जज्बा रहा है, इसी वजह से उन्हें गोबर के गुलाल बनाए जाने का आईडिया भी आया. जिसकी डिमांड अन्य राज्यों की जनता भी करने लगी है.
बता दें कि रितेश अग्रवाल गोबर लकड़ियां, ईंटे, मूर्तियां, दीए, चप्पल, पेंट समेत 21 तरह की अलग-अलग सामाग्रियों का निर्माण कर चुके हैं, जिसकी चर्चाएं भी बाजारों में अक्सर होती रहती हैं.
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