बात चाहे अंतरिक्ष विज्ञान की हो या फिर किसी अन्य क्षेत्र की, भारतीय महिला वैज्ञानिकों का योगदान कम नहीं है. अपनी तमाम पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते महिलाओं के लिए विज्ञान और उद्योग के क्षेत्र में कदम रखना आसान नहीं था. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद उन्होंने इस चुनौती भरे क्षेत्र में अपने लिए अवसर तलाशे हैं. ऐसी ही प्रेरणा और मिसाल कायम करने वाली देशभर की तमाम महिला वैज्ञानिक और उद्यमी 25 और 26 अगस्त को सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (CBMR) यूपी के लखनऊ में सम्मेलन ‘विमेन ड्राइविंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया’ के कार्यक्रम में शामिल होंगी.

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित होटल ताज में होने वाले सम्मेलन में ये महिलाएं ना सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को तलाशने के लिए एक साथ एक मंच पर जुटेंगी, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए एक मिसाल भी कायम करेंगी. साइंस और इंजीनियरिंग बोर्ड भारत सरकार के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों से विज्ञान जगत में योगदान देने वाले करीब 50 वैज्ञानिक सम्मेलन में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से संबोधित करेंगे. इसका मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी जगत में आने वाले समय में युवाओं और खासकर महिलाओं को नए रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित करना है.

CBMR जैव चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान करने वाला भारत की एक अग्रणी संस्थान है. यह मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्यरत हैं. इस दौरान करीब 200 शोधार्थी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

ये शख्सियतें होंगी शामिल

इनटेल इंडिया की कंट्री हेड निवृति राय, ICMR बंगलूरू की डॉ. रोली माथुर, ग्रैमी अवॉर्ड विजेता डॉ. रिकी केज, बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग से पूर्व सचिव डॉ. रेनू स्वरूप, बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग नई दिल्ली की अल्का शर्मा, ICMR-NIV पुणे की प्रिया अब्राहम, माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद से सपना ग्रोवर, CSIR-CDRI लखनऊ से डॉ. रितु त्रिवेदी, BSIP लखनऊ की डॉ. बिनिता, CSIR-IITR की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूनम कक्कड़, CDRI की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. शैलजा भट्टाचार्य सहित कई शख्सियतें ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से शामिल होंगी.

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