निशांत राजपूत,सिवनी। महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है। मौका मिले तो पुरुषों से बेहतर काम करके अपनी अलग पहचान बना सकती हैं। इसका उदाहरण सिवनी जिले की सहजपुरी गांव की महिलाएं हैं जिन्होंने पुरुषों को पीछे कर जिला, जनपद क्षेत्र से लेकर सरपंच और पंच के रूप में निर्विरोध चयनित होकर गांव के सारे फैसले खुद ले रही हैं।  गांव के विवाद हो या फिर विकास की बात सारे फैसले लेकर महिलाओं के लिए मिशाल पेश कर रही हैं।

लखनादौन जनपद पंचायत अंतर्गत में सहजपुरी और बाला भवानी टोरिया टोला में मिलकर कुल 1220 लोगों की आबादी है, जिसमें पंचायत में पूरी महिला ही सरपंच और पंच के पद पर निर्विरोध रूप से चुनकर आईं हैं। जो कि पंचायत ओर गांव के फैसले खुद ही लेती हैं। चाहे गांव में विवाद के हों या फिर विकास के सारे फैसले खुद लेकर गांव में विकास के पंख लगा रही हैं। इनके इस फैसले का ग्रामीण भी सम्मान करते हैं यही वजह है कि, दो पंचवर्षीय से महिलाएं निर्विरोध चुनकर आ रही और सरकार से इनाम भी ले रही हैं।

निर्विरोध चयनित होने पर पंचायत शासन से प्रोत्साहन राशि के रूप में 10 लाख रुपए गांव के विकास के लिए ले चुकी हैं जहां इस राशि से लोगों को पीने के पानी के लिए नलजल योजना, सड़क नाली का कार्य कराया गया है।इसके आलावा शासन की अन्य योजनाओं के तहत, नक्षत्र वाटिका,सामुदायिक शोचालय, स्नानघर, नाडेप टांके सहित रोड, नाली का कार्य महिलाओं की सरकार द्वारा कराया गया है।

कांति चौकसे, पंच ने बताया कि गांव में महिलाओं की सरकार से ग्रामीण भी बेहद खुश हैं। महिलाओं के फैसले को लेकर भी ग्रामीण तारीफ कर रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उन्हें महिला काबिज गांव की सरकार से शासन की हर योजनाओं की जानकारी समय समय पर मिल रही है और उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है। ग्रामीण और समाजसेवियों गांव की महिलाओं को महिला सशक्तिकरण के नजरिए से देखते हुए मिसाल मान रहे हैं उनका दावा है कि सहजपुरी जैसी पंचायत प्रदेश में कहीं नहीं होगी।

सिवनी जिले का सहजपुरी गांव महिला प्रधान गांव बन चुका है। जो एक अनोखी मिसाल पेश कर रहा है। यहां कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। साथ ही विकास के नए आयाम गढ़ रही हैं।

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