सहरसा: सहरसा जिले में बीते डेढ़ महीने से चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नया उत्साह और आत्मविश्वास पैदा किया है। जिले के विभिन्न ग्राम संगठनों में आयोजित इस कार्यक्रम में अब तक 3 लाख 34 हजार से अधिक महिलाओं ने भागीदारी की है। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, उन्हें जानकारी देना और उनके विचारों को सामने लाना है।

महिलाओं को मिल रहा है मंच, व्यक्त कर रही हैं सपने

इन संवाद कार्यक्रमों में महिलाएं खुलकर अपनी बातें रख रही हैं। वे न सिर्फ अपने अनुभव साझा कर रही हैं, बल्कि गांव की बेहतरी, रोजगार के अवसर और आर्थिक आज़ादी से जुड़े अपने सपनों को भी व्यक्त कर रही हैं। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बघवा पंचायत की राखी देवी ने बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया। उन्होंने समूह से ऋण लेकर एक छोटा व्यवसाय शुरू किया, जिससे उनकी आजीविका चलने लगी। उनकी यह कहानी कई महिलाओं को प्रेरणा दे रही है।

सहकारी बैंक की मांग से बढ़ रही आर्थिक जागरूकता

सीटानाबाद पंचायत के बरेवा टोला गांव की खुशी कुमारी ने कार्यक्रम में अपनी राय रखते हुए कहा कि यदि जीविका को सहकारी बैंक का दर्जा मिल जाए तो इससे महिलाओं को बड़ा लाभ मिलेगा। इससे वे न केवल सुरक्षित बचत कर सकेंगी, बल्कि आवश्यक समय पर ऋण भी ले सकेंगी।

महिलाएं कर रही हैं बेहतर गांव और भविष्य की कल्पना

कार्यक्रम में भाग लेने वाली कई महिलाओं ने कहा कि वे अपने गांव को साफ-सुथरा और सुंदर देखना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि उनके गांव में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और महिलाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध हों। संवाद कार्यक्रम उन्हें अपनी बातों को रखने और समाधान खोजने का अवसर दे रहा है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम

यह संवाद कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास साबित हो रहा है। वे अब अपनी समस्याओं को साझा करने, एक-दूसरे से सीखने और समाज में अपनी भूमिका को पहचानने लगी हैं। यह पहल महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन रही है।