गरियाबंद। देवभोग अस्पताल कई सालों बाद मंगलवार को एक बार फिर आधा दर्जन नवजातों की किलकारियों से गूंज उठा. अस्पताल में प्रसव के मामले देख रहे मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रकाश साहु ने बताया की 27 नवंबर को सुबह करीब 5 बजे एक प्रसूता का सफल प्रसव हुआ जिसके बाद से शाम 6.34 बजे तक एक के बाद एक 5 प्रसव कराया गया. रविवार 26 नवंबर की सुबह हुए प्रसव के साथ अस्पताल में एक साथ 6 नवजातों की किलकारी वार्ड में गूंजती रही.

डॉक्टर साहू ने बताया की 6 में से तीन मेल चाइल्ड तो तीन फिमेल चाइल्ड है।एक साथ 6 बच्चो की किलकारी का संजोग बहुत समय बाद बन सका।यह तब जब यहा महिला चिकित्सक की कमी है।लेकिन कुशल नर्सिंग स्टाफ व प्रशिक्षित मितानिन के बदौलत विभिन्न अभाव से जूझ रहे इस अस्पताल में यह खुशी का पल आ पाया.

102 वाहन की सुविधा बहाल होते ही संख्या बढ़ गई

देवभोग ब्लॉक में पिछले दो साल से महतारी एक्सप्रेस की सेवा बाधित थी। अनुबंध के बावजूद कंपनी ने वाहन उपलब्ध नही कराया था। लेकिन बीते 12 अक्टूबर को वाहन के आते ही संस्थागत प्रसव का आंकड़ा बढ़ गया। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार अक्तूबर में 45 प्रसव कराया गया जिसमे 39 प्रसव वाहन के आने के बाद हुआ। वहीं नवंबर में अब तक आंकड़ा 35 पार हो चुका है। जबकि अक्टूबर से पहले यह देवभोग अस्पताल में प्रसव का आंकड़ा सिर्फ 10 से 12 के बीच ही था.

सुविधाएं बढ़ाई गई,आगे और बेहतर करेंगे – एसडीएम

देवभोग एसडीएम अर्पिता पाठक ने बताया कि पिछले 6 माह में देवभोग अस्पताल में जच्चा बच्चा को लेकर कई सुविधाएं बढ़ाई गई है. कलेक्टर खुद संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए बार-बार रिव्यु ले रहे है. इस अभियान में सबसे अहम कड़ी देवभोग में एनबीएससी यूनिट की स्थापना है. इसके तहत पीलिया, निमोनिया जैसी बिमारियों से ग्रसित न्यू बोर्न चाइल्ड और प्रसूता के लिए रक्त की व्यवस्था के अलावा गर्भवती माताओं को आयरन के इंजेक्शन देने की सुविधा शामिल है. 102 वाहन की उपलब्धता के साथ ही अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ, मितानिन और यूनिट के लिए चिकित्सको को प्रशिक्षण दिया गया है. पाठक ने सफल प्रसव के लिए मेडिकल स्टाफ की सराहना करते हुए इस सुविधा को आगे और बेहतर करने की बात कही है.

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