संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है. बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया. संसद में मौजूद सभी 215 सांसदों ने बिल का समर्थन किया. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा.
इस बिल के पारित होने पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में ये एक निर्णायक क्षण है. 140 करोड़ भारतीयों को बधाई. मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है. इसी के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं. ये ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए.
वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी के लिए भी आरक्षण नहीं है. आप इसमें संशोधन कर सकते हैं, ओबीसी को आरक्षण दे सकते हैं. आप ओबीसी महिलाओं को पीछे क्यों छोड़ रहे हैं. क्या आप उन्हें साथ नहीं लेना चाहते. आप साफ कीजिए कि कब लागू करने वाले हैं, हमें तारीख और साल बताइए. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को अभी लागू किया जाना चाहिए. हम बिना कोई शर्त समर्थन दे रहे हैं. इसमें परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. कृषि बिल भी तो पास किया गया था, नोटबंदी की थी, तो इसे भी कर सकते हैं.
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कविता सुनाते हुए कहा कि कोमल है तू कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है. जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है. सतियों के नाम पर तुझे जलाया गया, सीता जैसी अग्निपरीक्षा भी हुई. बहुत हो चुका अब मत सहना, तुझे इतिहास बदलना है. कोमल है तू कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है. उन्होंने कहा कि हम इस शक्ति को बढ़ावा दे रहे हैं, हम समर्थन कर रहे हैं, लेकिन ये जुमला न हो.
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