रायपुर। अंबिकापुर के लुंड्रा विकासखंड के लमगांव में अद्भुत चमत्कारी हनुमान मंदिर है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा अपने आप बढ़ती जा रही है. इस अद्भुत चमत्कार के चर्चे दूर-दूर तक पहुंच रहे हैं. इस वजह से लोग लमगांव में हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर में हर शनिवार और मंगलवार को काफी भीड़ होती है, लोगों का मानना है की यहां सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही हर शनिवार को भंडारे का आयोजन भी किया जाता है.
80 वर्ष पहले यहां एक पेड़ के नीचे लगभग एक फीट से छोटी बजरंगबली की प्रतिमा दिखी थी. तभी से इस पेड़ के नीचे बजरंगबली की पूजा-अर्चना की जाने लगी. बाद में लोगों ने इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1995 में कराया था. पेड़ तो सूख गया, लेकिन बजरंगबली आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं. सबसे ख़ास बात यह की यहाँ वर्ष 2002 से 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ किया जा रहा है. साथ ही अखंड दीप प्रज्वलित है.
बजरंगबली की अद्भुत महिमा तब लोगों को अचरज में डाल देती है जब उन्हें पता चलता है की एक फीट छोटी मूर्ति इतने वर्षों में बढ़ कर साढ़े तीन फीट से भी अधिक ऊंची हो चुकी है. बजरंगबली की मूर्ति की लंबाई लगातार बढ़ रही है.
हनुमान मंदिर, लमगांव से जुड़ी रोचक कहानी
लमगांव स्थित स्वयं प्रकट हनुमान जी की मूर्ति से जुड़ी कहानी बहुत ही दिलचस्प है, ऐसा माना जाता है की बाबा त्रिवेणी नाम के एक व्यक्ति थे जिनके सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए और कहा की वे एक पेड़ में फसें हुए उन्हें बाहर निकालें, ऐसा सपना उनको कई बार उसके बाद बाबा त्रिवेणी जी उस पेड़ के पास गए और उस पेड़ को काटकर देखा तो दंग रह गए, सच में वहाँ हनुमान जी की मूर्ति थी.
ऐसे पहुंच सकते हैं हनुमान मंदिर
अगर आप भी लमगांव के बजरंगबली के दर्शन करना चाहते हैं तो रायगढ़-अंबिकापुर मार्ग पर अंबिकापुर से 17 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे पर मंदिर का पहला द्वार आपको दिख जाएगा. इस द्वार से आगे बढ़ने पर लगभग दो किलोमीटर अंदर जाने के बाद इस हनुमान मंदिर में पहुंचा जा सकता है.
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