पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पंचायत प्रस्ताव से स्वीकृत 22 करोड़ का काम अब ठेकदार के हाथों सौंपने की तैयारी कर ली गई है. ऐसे में सरपंच संघ ने मोर्चा खोल दिया है. कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर करप्शन की बू की जानकारी दी, हक छीनने के इल्जान भी लगाए. वहीं अभ प्रभारी मंत्री ने दो टूक जवाब दिया. इन सबके बीच सरपंच संघ आंदोलन की तैयारी में है.

पंचायतों में कराए जाने वाले काम के लिए सरपंचों को ही एजेंसी बनाए जाने और ठेकेदारी प्रथा का विरोध करने राजधानी तक पहुंचे जिला सरपंच संघ को मायूसी हाथ लगी है. सरपंच संघ जिला अध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर के नेतृत्व में सोमवार को संघ के प्रतिनिधि मंडल गरियाबन्द पहुंचकर कलेक्टर प्रभात मलिक के समक्ष अपनी मांग रखी थी.

कलेक्टर ने शासन स्तर पर लिए गए निर्णय को अवगत कराते हुए अपनी मांग शासन के समक्ष रखने को कहा था. ऐसे में संघ के प्रतिनिधि मंडल सरकार के पास अपनी बात रखने राजधानी पहुंचे थे. उन्होंने सबसे पहले जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत से मुलाकात की.

बलदेव ठाकुर ने कहा कि उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वशन भर मिला, उन्हें कह दिया गया कि काम कराने का जो निर्णय सरकार ले चुकी है. उसी आधार पर काम होंगे. ठाकुर ने बताया कि उन्हें मायूसी हाथ लगी है.

3 दिवस के भीतर जिला सरपंच संघ की बैठक आहूत कर अपने अधिकार के लिए लड़ने ,रूपरेखा बनाया जाएगा. अपनी मांगों को लेकर जल्द ही उग्र आंदोलन किया जाएगा. राजधानी पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में खेलन दीवान, पुस्तम मांझी, जगतराम, खगेश्वर नागेश, तुकाराम, सुभाष सोरी शामिल थे.

50 लाख तक काम पंचायत करेगी, इस पर अमल नहीं

कांग्रेस सरकार बनते ही 20 से 50 लाख तक के काम को पंचायत से कराने का ऐलान कर कुछ समय के लिए सरकार ने सरपंचों को खुश तो कर दिया था, लेकिन आबंटन की बारी आई तो काम ठेकेदारों को देने की तैयारी हो रही है. यह कहना है सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर का है.

ठाकुर ने कहा कि कुछ माह पहले ही जिले के सभी ग्राम पंचायतों ने स्कूल मरम्मत,नए भवन व शौचालय के लिए प्रस्ताव प्रसाशन को दिया था. लगभग 22 करोड़ इसके लिए मंजूर भी किये गए, लेकिन मरम्मत व नए भवन के लिए आरईएस विभाग के माध्यम से टेंडर जारी करने की तैयारी हो रही है.

1 करोड़ 80 लाख से 65 स्कूलो में 70 शौचालय निर्माण के लिए शाला प्रबंधन समिति के नाम पर काम शिक्षको को दे दिया गया है।पूर्व की भांति ग्राम पंचायत के आबंटन में भारी कटौती कर दिया गया है.