राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग में अब कोई सुनवाई नहीं होगी। यह स्थिति दो महीने तक इसी तरह बनी रह सकती है। कारण है आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित एक भी सूचना आयुक्त का नहीं होना। मुख्य सूचना आयुक्त सहित एक मात्र आयुक्त का कार्यकाल 30 मार्च को समाप्त हो गया। इसी के साथ 11 सदस्यीय आयोग में सुनवाई का सिलसिला निष्क्रिय हो गया है।
मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला और सूचना आयुक्त राहुल सिंह का कार्यकाल 30 मार्च को समाप्त हो गया। इसी के साथ सुनवाई का काम भी ठप हो गया है। मुख्य सूचना आयुक्त सहित आयोग में कुल 11 पद हैं। सूचना आयुक्त के दस पदों में से नौ पद पहले से ही खाली थे। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने से अब दो महीने और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति खटाई में रहेगी।
कभी नहीं भरे गए 7 से ज्यादा पद
सूचना आयुक्तों की कमी के चलते आयोग के पास पहले से ही करीब 12 हजार आवेदन लंबित थे। फिलहाल नई नियुक्तियां नहीं होने से आयोग में एक भी आयुक्त नहीं होने से अब आवेदनों का अंबार लगने के आसार निर्मित हो रहे हैं। आयोग में आवेदन अटकने से लोगों को विभागों से सूचना पाने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। बता दें मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग का गठन 2005 में हुआ था। आयोग से गठन से लेकर आज तक सात से अधिक पद कभी भी नहीं भरे गए।
आपत्ति के बाद नियुक्ति हो गई थी निरस्त
आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए शिवराज सरकार ने 9 अक्टूबर 2023 को बैठक बुलाई थी। तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह ने समय पर बैठक की सूचना नहीं देने और सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए बैठक पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बैठक में आने से इंकार करने के साथ बैठक निरस्त नहीं होने पर गोविंद सिंह ने न्यायालय की शरण में जाने की बात कही थी। नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति के बाद बैठक निरस्त कर दी गई थी और इसी दिन विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया था।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
Read More:- https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक