सुरेन्द्र जैन, धरसीवा. सिलतरा के उद्योगों में हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अपने परिवार के पेट की खातिर उद्योगों में काम करने जाने वालों में से कौन सुबह जाकर शाम को घर वापस नहीं आएगा इसकी कोई गारंटी नहीं रहती. आए दिन उद्योगों में हो रहे हादसों की श्रंखला में अब वन्दना ग्लोबल फैक्ट्री में एक श्रमिक की जान चली गई.

जानकारी के मुताबिक मृतक पुरषोत्तम सायतोड़े (मलोद) सिलतरा की वंदना ग्लोबल फैक्ट्री में ठेकेदार श्रवण के अधीन काम करता था. प्रतिदिन की तरह 6 जनवरी को भी वह सुबह काम करने फैक्ट्री तो गया, लेकिन शाम को वापस नहीं आया. देर शाम देर शाम पत्नी और वृद्ध मां को खबर मिली कि पुरषोत्तम की फैक्ट्री में हादसे में मौत हो चुकी है. पुरषोत्तम की मौत की खबर मिलने के बाद मृतक की पत्नी अपने डेढ़ साल के बच्चे और वृद्ध मां के साथ रोते बिलखते फैक्ट्री पहुंची. यहां उनके रिश्तेदार और गांव के लोग भी पहुंचे. डेढ़ साल के मासूम तुषार को ये भी नहीं पता कि उसे लाड़ प्यार करने वाले उसके पिता अब इस दुनिया मे नहीं रहे. रोती बिलखती मां की गोद में वह कंपनी पहुंचा था. इस घटना ने एक वृद्ध मां से उनके बुढ़ापे का सहारा भी छीन लिया.

कब रुकेंगे हादसे ?

उद्योगों में हादसे कोई नई बात नहीं है. आए दिन किसी ना किसी फैक्ट्री में ग्रामीण गरीब मजदूर प्राण गंवा रहे हैं. सुबह काम पर जाने वाले को यह पता नहीं होता कि शाम को वापस घर पहुंचेगा कि नहीं. कुछ दिन पहले मारुति फेरस फेक्ट्री में भी प्रबंधन की घोर लापरवाही की भेंट झारखंड के एक श्रमिक चढ़ा था. भट्टी से उचटकर गर्म लोहा गर्दन में पीछे से घुसने से उसकी दर्दनाक मौत हुई थी.