गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही वनमण्डल में पेड़ों की कटाई, अवैध उत्खनन, वन्य जीव पलायन के मामलों के बाद अब वन विभाग पर मजदूरी भुगतान में उदासीनता का आरोप लग रहा है. मजदूरी करने के बाद मजदूरी के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर मजदूरों का कहना है कि हम मजदूरी मांग रहे भीख नहीं. यह भी पढ़ें : ‘खरगे जी मुझ पर नाराज हैं’… गेरुआ वस्त्र को लेकर CM योगी का कांग्रेस अध्यक्ष को दिया करारा जवाब, जानिए मुख्यमंत्री ने क्यों कही ये बात ?
लंबित मजदूरी के लिए बड़ी संख्या में वनमंडल कार्यालय पेंड्रारोड पहुंचे मजदूरों ने बताया तकरीबन 80 मजदूरों को अब तक मजदूरी नहीं मिली है. कुछ लोगों को मजदूरी देकर विभाग ने औपचारिकता तो निभा ली, लेकिन बाकी मजदूरों को मजदूरी देने के नाम पर बार-बार कार्यालय का चक्कर लगवाया जा रहा है, लेकिन मजदूरी नहीं दी जा रही है. उनका कहना है कि हम रोज कमाने-खाने वाले लोग हैं, रोज-रोज के चक्कर लगाना हमारे लिए संभव नहीं है.
जानकारी के लिए बता दें कि वनमंडल के खोडरी रेंज में साल भर पहले हुए कूप कटिंग में ग्रामीणों ने मजदूरी की थी, और लगभग चार महीने चले इस काम में काम करने के बाद अब उस काम के मजदूरी भुगतान के लिए मजदूर लगभग सालभर से कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, कभी रेंज ऑफिस, तो कभी डीएफओ ऑफिस. मजदूरों का आरोप है कि अधिकारी बस उन्हें इस ऑफिस से उस ऑफिस भेज रहे, हम मजदूरी से जीवन यापन करने वाले लोग कब तक अपने ही पैसों के लिए ऐसे कार्यालयों के चक्कर लाएंगे….
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