वेंकेटेश द्विवेदी, सतना। मध्य प्रदेश में सरकार के तमात दावों के बाद भी पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रोजगार और रोजी- रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेश जाने वाले मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया जाता है. महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए सतना और पन्ना जिले के 31 मजदूरों को प्रशासन ने मुक्त कराया है. मजदूर नासिक-पटना ट्रेन से सतना रेलवे स्टेशन उतरे, जहां अधिकारियों ने मजदूरों को भोजन-पानी और मेडिकल परीक्षण कराकर वाहनों से उनके गृह ग्राम रवाना किया.

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रोजगार के अभाव और रोटी-रोटी की तलाश में सतना जिले के पिपरिया के 16 और पन्ना के 15 मजदूर महाराष्ट्र गए थे, जहां दलालों ने इन्हें अपने चुंगल में फंसाकर बंधक बना लिया था.  मजदूरों से जबरन गन्ने के खेतों में बंधक बनानकर मजदूरी कराई जा रही थी, जब मजदूर मजदूरी और अपने घर जाने को कहते थे तो इन्हे आने भी नहीं दिया जा रहा था, जिसकी जानकारी लगते ही परिजन ने प्रशासन से मदद मांगी, जिसके बाद कलेक्टर अनुराग वर्मा ने महाराष्ट्र जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर मजदूरों को छुड़वाया. साथ ही इनके सकुशल लौटने की व्यवस्था बनाई.

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वहीं सतना स्टेशन पहुंचने पर श्रम विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण अधिक होने से उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया, जिसके बाद वाहनों से उन्हें घर के लिए रवाना किया गया. वहीं बंधन से मुक्त होकर अपने घर गांव आये मजदूरों के चेहरे में खुशी साफ दिख रही थी.

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