लक्षिका साहू, रायपुर. राजधानी से लगे खरोरा इलाके में स्थित मशरूम फैक्ट्री में सैकड़ों मजदूरों को बंधक बनाकर महीनों से काम कराने का मामला सामने आया है. मजदूरों को बिना वेतन दिए काम कराया जा रहा था. विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की जाती थी. मजदूरों ने बताया, उन्हें दिन में एक बार ही खाना दिया जाता था. इसकी शिकायत मिलते ही प्रशासन ने बंधक बनाए गए मजदूरों को छुड़ाया. जिला महिला बाल विकास विभाग ने सभी का रेस्क्यू कर रायपुर लाया है. बताया जा रहा कि सभी मजदूर अलग-अलग राज्यों के हैं.
जानकारी के मुताबिक, खरोरा में विपिन तिवारी नामक व्यक्ति मशरूम फैक्ट्री का संचालन करता है. उसने अलग-अलग राज्यों से मजदूरों को दाल पैक करने के काम का झांसा देकर यहां लाया था और मजदूरों को बंधक बनाकर बिना वेतन दिए मशरूम फैक्ट्री में काम करा रहा था.

20-20 घंटे कराया जाता था काम, बाल मजदूरी भी कराई जा रही थी
बंधक बनाए गए मजदूरों से लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने बातचीत की तो उन्होंने बताया, फैक्ट्री में 20-20 घंटे काम कराया जाता था. इस बीच उनके बच्चों को कमरों में ताला बंद कर रख दिया जाता था. फैक्ट्री के मालिक जब देर रात लौटते थे तब दिन में एक बार देर रात उन्हें खाना दिया जाता था. मजदूरों ने बताया कि जब मालिक का विरोध किया जाता था तो मारपीट कर चुप करा दिया जाता था. बच्चों के साथ भी हिंसा की जाती थी. बच्चों के शरीर में मारपीट के निशान भी पाए गए हैं. फैक्ट्री में बाल मजदूरी भी कराई जा रही थी.
प्रशासन ने मजदूरों को इंडोर स्टेडियम में रखकर खिलवाया खाना
फिलहाल प्रशासन ने सभी मजदूरों को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में रखा है. मजदूरों को खाना भी खिलवाया है. उनके मोबाइल, आधार कार्ड जब्त कर लिए गए हैं. अधिकारी ने पुरुष, महिला मिलाकर कुल 97 लोगों को फैक्ट्री में बंधक बनाकर काम कराने की जानकारी दी है. इसमें बच्चे शामिल नहीं है. जानकारी के मुताबिक, फैक्ट्री मालिक ने छत्तीसगढ़ की लड़कियों को भी काम पर रखा था. उन्हें भी जांच के लिए इंडोर स्टेडियम लाया गया है. बातचीत में यहां की लड़कियों ने बताया कि उन्हें वेतन समय पर दिया जाता था. उनके साथ किसी प्रकार की प्रताड़ना नहीं की जाती थी.
अधिकारी बोले – मजदूरों का बयान लेकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे
इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने बताया, हमें शिकायत मिली थी कि खरोरा के मशरूम फैक्ट्री में अलग-अगल राज्यों से मजदूरों को लाकर बंधक बनाया गया है. बिना वेतन दिए इन लोगों से काम कराया जा रहा है. शिकायत के आधार पर मजदूरों को छुड़ाकर इंडोर स्टेडियम में रखा गया है. इसमें झारखंड, यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश के मजदूर शामिल हैं. बच्चे में शामिल हैं. सभी मजदूरों का बयान लेकर नियमानुसार फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. सभी का वेतन भुगतान कराया जाएगा.