देहरादून. पुलिस मुख्यालय में बुधवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान विभिन्न विधिक बिन्दुओं पर चर्चा की गई.

कार्यशाला में विभिन्न समुदाय के गणमान्य व्यक्तियों ने समान नागरिक संहिता के लागू होने पर उनके अपने सामाजिक अधिकार से जुड़े बिन्दुओं के सम्बन्ध में उत्सुकता के साथ प्रश्न कर परिचर्चा में भाग लिया. साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे और उत्तराखण्ड में कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए गए.

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पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि सामन नागरिक संहिता के लागू होने से इसके दाण्डिक परिणामों के सापेक्ष पुलिस के क्या कर्तव्य होंगे और लोगों में पंजीकरण की अनिवार्यता, विधिक परिणामों और उनके विधिक अधिकारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और संहिता का सफल क्रियान्वयन कैसे किया जाएगा इसके सम्बन्ध में भविष्य में भी इस तरह की वर्कशॉप आयोजित किये जाएंगे, ताकि लोगों की शंकाएं दूर की जा सके और लोगों को संहिता के सम्बन्ध में जागरुक किया जा सके.

प्रावधानों के उल्लंघन के दण्ड के बारे में दी जानकारी

पुलिस उप महानिरीक्षक/ अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के विधिक बिन्दुओं-विवाह, विवाह विच्छेद, विल, सहवासी संबंध, के पंजीकरण की अनिवार्यता और उसकी प्रक्रिया पर विस्तार पूर्वक पर प्रकाश डाला. साथ ही संहिता के विधिक प्रावधानों के उल्लंघन के दण्ड के बारे में बताया गया. संहिता को लागू करने और उसकी प्रक्रिया के तहत संबंधित पदाधिकारियों के दायित्व और कर्तव्यों के बारे में भी बताया गया.