World Bank Report : रायपुर. भारत में महिलाओं को गृह स्वामिनी माना जाता है पर बैंकों तक पहुंच के मामले में उनकी स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. विश्व बैंक समूह की ग्लोबल फिनडेक्स डाटाबेस 2021 रिपोर्ट (World Bank Report) के मुताबिक, देश में महिलाओं के खाते तो खूब खुले पर 42 फीसदी निष्क्रिय बने रहे. इसकी वजह बैंकों की दूरी और पर्याप्त पैसों की कमी माना गया है.
वहीं दुनियाभर में 140 करोड़ वयस्कों को आज भी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं है. बैंकिंग सेवाओं से वंचित करीब 74 करोड़ यानी 54% लोग उन 7 विकासशील देशों में रहते हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. विश्व बैंक की रिपोर्ट (World Bank Report) के मुताबिक, भारत में बैंक खाताधारकों की उच्च दर होने के बावजूद देश के 23 करोड़ लोग बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं. वहीं चीन में 13 करोड़ लोगों के पास औपचारिक बैंकिंग सेवाएं नहीं हैं.
डिजिटल लेनदेन भी नहीं
World Bank Report के मुताबिक, विकासशील देशों में सबसे ज्यादा करीब एक तिहाई निष्क्रिय बैंक खाते भारत में हैं. इनमें महिला खाताधारकों की तादाद सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में इसके पीछे नकदी पर ज्यादा निर्भरता को सबसे बड़ी वजह माना गया है. देश में ऐसे खाते सबसे ज्यादा हैं जो लोगों के नाम पर खोले गए हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इनमें पिछले एक साल में न तो कोई रकम जमा हुई न निकासी हुई. डिजिटल लेन-देन भी नहीं हुआ है. भारत में ऐसे खातों की संख्या 35 फीसदी है जो विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के औसत के मुकाबले सात गुना ज्यादा है.
जनधन भी बड़ी वजह
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में ऐसे खातों की बड़ी तादाद होने की एक वजह वहां सरकार की तरफ से खोले गए जनधन खाते भी हैं. यह योजना अगस्त 2014 में शुरू हुई थी. अप्रैल 2022 तक 45 करोड़ को बैंकिंग सिस्टम में लाया गया.
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