रायपुर। संजीवनी सीबीसीसी यूसए कैंसर हॉस्पिटल मे वर्ल्ड कैंसर डे के अवसर में कैंसर जागरूकता दिवस मनाया गया. इस अवसर पर संजीवनी सीबीसीसी यूसए कैंसर हॉस्पिटल मे पिछले 14 वर्षों से ट्रीटमेंट करा चुके अनेक मरीजों ने अपना अनुभव साझा करते हुए लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किए.

डॉ यूसुफ़ मेमन ने कहा कि जागरूकता की कमी की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. खान-पान, रहन-सहन, अनियमित दिनचर्या, व्यायाम करना या ना करना को लेकर लोग गंभीर नहीं है. खाने पिने की चीज़ों में मिलावट की वजह से भी कैंसर की बीमारी बढ़ रही है. खाने की चीज़े फल आदि में डाई,कलर और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल बढ़ने से शरीर में कैंसर की सम्भावना बढ़ती है. कैंसर के शुरुवाती लक्षणों के लिए जागरूक होना जरुरी है.

सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पण चतुरमोहता ने बताया कि अब रायपुर मे भी विश्व स्तरीय कैंसर चिकित्सा उपलब्ध हो चुकी है अवं विदेशों से कई मरीज़ हमारी विश्व स्तरीय सेवाओं का लाभ ले रहे है. कैंसर सर्जरी मे हुए आधुनिकीकरण के बारे मे डॉ अर्पण ने बताया की, अब 80 प्रतिशत कैंसर में अंग बचाने वाली ऑर्गन प्रिजर्वेशन सर्जरी की जा रही है, जिसमें अत्याधुनिक फ्रोजेन सेक्शन मशीन द्वारा ऑपरेशन थिएटर मे ही कैंसर के मार्जिन की जांच कर ली जाती है. दूरबीन पद्धति द्वारा अनेक पेट के कैंसर व गर्भाशय कैंसर का ऑपरेशन किया जा रहा है.

कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ अनिकेत ठोके ने मरीजों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कैंसर की दिएगोनोस्टिक होने से अब घबराने की बिल्कुल जरुरत नहीं है. कैंसर की इलाज एक लड़ाई है और इस लड़ाई को मरीज़, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व मरीज़ के रिश्तेदार मिलकर जीत सकते हैं. इलाज के अलावा मरीज की मानसिक स्थिति व अच्छे खानपान का विशेष ख्याल रखना होता है.

मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार प्रदीप शर्मा ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 6 साल पहले मेरी मां को कैंसर हुआ था राज्य से बाहर कैंसर हॉस्पिटल गया वहां जांच करने के बाद डॉक्टरों ने संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल रायपुर में इलाज कराने का सुझाव दिए, ताकी बार बार चक्कर काटना ना पड़े. मैं लगभग एक माह तक संजीवनी हॉस्पिटल में रहा. सभी का व्यवहार अच्छा रहा. आज मेरी मां 85 वर्ष की है और स्वस्थ्य है. कैंसर से डरना नहीं बल्कि लड़ना है. सही समय पर इलाज कराने से जान बच सकती है.