Bastar Dussehra 2025: बस्तर। छत्तीसगढ़ का विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा इस साल 24 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. आदिवासी परंपरा और संस्कृति के इस अनूठे महापर्व को हर साल पूरी आस्था के साथ भव्य रूप में मनाया जाता है, जिसे देखने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग बड़ी संख्या में बस्तर पहुंचते हैं. इस साल यह महापर्व 24 जुलाई से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक चलेगा. दशहरा की शुरुआत 24 जुलाई को पाट जात्रा पूजा विधान से होगी जिसमें एक पवित्र लकड़ी को लाकर दंतेश्वरी मंदिर परिसर में पूजा जाता है. इसे टुरलू खोटला कहा जाता है, जिससे रथ निर्माण के लिए औजार बनाए जाते हैं.


इस परंपरा के बाद रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसके लिए लकड़ियां जंगल से लाने का कार्य शुरू जाता है. दंतेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि यह परंपरा रियासत काल से चली आ रही है और आज भी पूरी श्रद्धा और रीति-रिवाजों के साथ मनाई जाती है. यह भी मान्यता है कि पुरुषोत्तम देव जब जगन्नाथ पुरी से रथपति की उपाधि लेकर बस्तर पहुंचे थे, तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई (Bastar Dussehra 2025).
Bastar Dussehra 2025 के प्रमुख धार्मिक आयोजन इस प्रकार हैं
* 29 अगस्त – बेल जात्रा विधान
* 5 सितंबर – डेरी गढ़ाई पूना विधान
* 21 सितंबर – काछनगादी पूजा
* 22 सितंबर – कलश स्थापना पूजा
* 23 सितंबर – जोगी बिठाई पूना
* 24 सितंबर – नवरात्र पूजा विधान
* 29 सितंबर – फूल रथ परिक्रमा
* 30 सितंबर – निशा जात्रा पूना विधान
* 1 अक्टूबर – जोगी उठाई एवं मावली परघाव पूजा विधान
* 2 अक्टूबर – भीतर रैनी पूजा विधान
* 3 अक्टूबर – बाहर रैनी पूजा विधान
* 5 अक्टूबर – काछन जात्रा पूजा विधान एवं मुरिया दरबार
* 6 अक्टूबर– कुटुंब जात्रा पूजा विधान
* 7 अक्टूबर – डोली की विदाई के साथ दशहरा का समापन
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