नई दिल्ली- देश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ दिल्ली में वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 का आयोजन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड फूड इंडिया का उद्घाटन किया है. तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में दुनिया भर के फूड सेक्टर के बड़े निवेशक एकजुट होंगे. छत्तीसगढ़ इस आयोजन का पार्टनर स्टेट बना है. वर्ल्ड फूड इंडिया के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने राज्य में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के इरादे से देश और दुनिया के प्रमुख निवेशकों से सीधे वन टू वन चर्चा की है.

मुख्यमंत्री ने निवेशकों को बताया कि फूड प्रोसेसिंग को लेकर देश में सबसे अच्छी नीति छत्तीसगढ़ ने बनाई है. निवेशकों को सरकार की ओर से मुहैया कराए जाने वाली रिर्सोसेज में बड़ी रियायत दी जा रही है. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने उम्मीद जताई है कि इस आयोजन के जरिए छत्तीसगढ़ में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ के उद्योग विभाग के अधिकारी तीन दिनों तक चलने वाले वर्ल्ड फूड इंडिया में रहेंगे. निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने का क्रम जारी रहेगा. इस आयोजन में 60 से अधिक देशों और पूर्वोत्तर राज्यों समेत 27 राज्यों के पांच हजार से अधिक उद्मी व विभिन्न कंपनियों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही जर्मनी, डेनमार्क और जापान इस आयोजन में भागीदार देश हैं. इटली और नीदरलैंड फोकस देश के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं.
इधर फूड प्रोसेसिंग उद्योग को ना केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि देश में एक बड़े सेक्टर के तौर पर स्थापित करने के कवायद की जा रही है. केंद्र सरकार उम्मीद कर रही है कि 65 हजार करोड़ से ज्यादा का विदेशी निवेश आएगा. बताया जा रहा है कि ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क समेत विभिन्न देशों की ओर से 65 हजार करोड़ रूपए के निवेश के लिए हामी भरी जा चुकी है. इससे देश में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि पहली बार इतने बड़े आयोजन से देश में फूड प्रोसेसिंग के साथ भारतीय खाद्य अर्थ व्यवस्था में बदलाव आएगा.
फूड प्रोसेसिंग उद्योग में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने एक देश एक खाद्य कानून का नारा दिया है, जिसकी आधिकारिक घोषणा इसी दौरान की जाएगी. खाद्यान्न को सुरक्षित करने के लिए किसी थाली में खाना ना छूटे का भी नारा दिया गया है. बताया जा रहा है कि  इंडिया गेट के नजदीक 40 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में आयोजित हो रहा यह आयोजन वैश्विक कारोबारियों को एक मंच उपलब्ध करायेगा.  भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की पूरी श्रृंखला में कारोबार के अवसर तलाशे जा सकेंगे। यह आयोजन दुनिया भर के खाद्य श्रंखला से जुड़े तमाम उद्यमियों, कारोबारियों और उत्पादकों को एक मंच पर लाएगा. मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का विशेष सत्र होगा.  वैश्विक खाद्य मेले के समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी हिस्सा लेंगे.
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