इन दिनों बिजी लाइफ शेड्यूल के चलते लोग खुद की मेंटल हेल्थ का बिलकुल भी खयाल नहीं रख पाते हैं। इस वजह से मानसिक रूप से काफी थका हुआ महसूस करते हैं और हर वक़्त तनाव में रहते हैं। ये चीज डेली लाइफ के काम पर भी बुरा प्रभाव डालती है। ऐसे में अगर आप रोजाना कुछ देर मेडिटेशन करेंगे तो ये मेंटल हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।
हर साल 21 मई को वर्ल्ड मेडिटेशन डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को हर साल मेडिटेशन के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। ज्यादातर लोग ध्यान के बारे में अच्छी-अच्छी बातें सुन लेते हैं पर खुद कर नहीं पाते। वे कभी जान ही नहीं पाते हैं कि इसे कैसे शुरू किया जाए। रोजमर्रा की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में शांत मन स्थिति बहुत जरूरी है। मेडिटेशन माइंड के लिए बहुत जरूरी है। माइंड हेल्थ के लिए सही तरीके से मेडिटेशन कैसे की जाए यह जानना जरूरी है। आज हम आपको मेडिटेशन के सही तरीके के बारे में बताएंगे और इसके फायदे।
यहां हैं माइंड हेल्थ को मजबूती देने वाले मेडिटेशन के 6 राइट स्टेप्स
Step1: सबसे जरूरी है शांत वातावरण
शांत और आरामदायक वातावरण सबसे जरूरी है। जहां स्वच्छ हवा की आवाजाही हो, हो हल्ला अधिक नहीं हो, उस स्थान पर ध्यान लगाना सबसे अच्छा रहता है। उस स्थान पर रखे किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स को हटा दें। इससे ध्यान लगाने में बाधा हो सकती है। फर्श या कुर्सी पर बैठा जा सकता है। पैर जमीन पर हों और पीठ सीधी हो।
Step-2: आंखें बंद करें
शरीर को आराम दें और आंखें बंद कर लें। शरीर को ढीला और स्ट्रेस फ्री कर लें।
Step-3: सांस पर ध्यान दें
सांस के प्रति जागरूक हो जाएं। सांस पर ध्यान केंद्रित करें। गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। हवा के गुजरने की अनुभूति को महसूस करें। चेस्ट के फैलने और सिकुड़ने पर ध्यान दें। शरीर में हो रहे हलचल से अवगत रहें।
Step-4: विचारों पर लगाम नहीं दें
ध्यान के शुरुआती चरणों में दिमाग में बहुत सारी बातें चलती रहती हैं। विचारों की अधिकता बनी रहती है। जानबूझकर सोचना बंद करने की कोशिश न करें। विचारों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं दें। इससे दिमाग शांत होने में दिक्कत होगी। विचारों को मन में प्रवाहित होने दें। उन्हें रोकने की कोशिश पर वे और अधिक परेशान करेंगे। विचारों को स्वीकार करें। नियमित तौर पर सिर्फ सांस पर ध्यान केंद्रित करने से एक दिन विचार आने बंद हो जायेंगे और आप ध्यान लगा पाएंगी।
Step-5: दिमाग को शांत कर एकाग्रचित्त करें
सांस पर ध्यान केंद्रित रखें। ध्यान केंद्रित करने के लिए ओम का उच्चारण भी कर सकती हैं। अपनी सांस या मंत्र पर ध्यान बनाए रखें।
Step-6: नियमित 15 मिनट का अभ्यास
ध्यान पर कम से कम 15 मिनट समय दें। यदि माइंड एकाग्र नहीं हो पाता है, तो निराश न हों। दिमाग को पुरानी आदतों को छोड़ कर एकाग्र होने में एक-दो सप्ताह या उससे अधिक समय भी लग सकता है। हर दिन अभ्यास जारी रखें।
ध्यान लगाने के फायदे
तनाव कम करता है
तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन हमारी काफी मदद करता है। आमतौर पर मानसिक और शारिरिक तनाव हार्मोन के स्तर में वृद्धि का कारण होता है। तनाव हमारे शरीर में कई हानिकारक प्रभाव पैदा करता है जिसके कारण हमारी नींद, उदासी, चिंता और रक्तचाप पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन मेडिटेशन तनाव से संबंधित स्थितियों में सुधार करता है, जिसमें इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, स्ट्रेस डिसऑर्डर शामिल हैं।
चिंता को नियंत्रित करता है
मेडिटेशन करने से चिंता विकारों के लक्षण कम होते हैं, जैसे फोबियास और घबड़ाहट के दौरे। मेडिटेशन चिंता को दूर करने में मददगार होता है। मेडिटेशन मन को शांत करने में काफी लाभकारी माना जाता है।
नींद में सुधार करता है
ज्यादातर लोग नींद न आने की वजह से काफी परेशान रहते हैं। जो लोग मेडिटेशन करते हैं वह अच्छी नींद लेने में सफल हो सकते हैं। मेडिटेशन आपके शरीर को आराम देने, तनाव मुक्त करने और आपको एक शांतिपूर्ण स्थिति में रखने में मदद कर सकता है।
बुरी आदत को छोड़ने में मदद करता है
मेडिटेशन हमें हमारी बुरी आदतों को छुड़ाने में मदद कर सकता है। मेडिटेशन ध्यान करने, इच्छाशक्ति बढ़ाने, भावनाओं और आवेगों को नियंत्रित करने और नशे की लत के कारणों समझने में सहायता करता है।
आचरण में दयालुता लाता है
मेडिटेशन आपके और दूसरों के प्रति सकारात्मक भावनाओं को जगाता है। मेटा एक तरह का मेडिटेशन है, जो दयालु विचारों और भावनाओं को विकसित करता है।
ध्यान अवधि बढ़ती है
मेडिटेशन करने से ध्यान अवधि बढ़ती है। उदाहरण के लिए, आठ सप्ताह के एक मैडिटेशन अध्ययन में पाया गया कि प्रतिभागियों की ध्यान लगने की क्षमता में सुधार हुआ है । यहां तक कि एक छोटे समय के लिए मेडिटेशन का अभ्यास भी आपको लाभ पहुंचा सकता है।
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