World Milk Day: भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विश्व दुग्ध दिवस 2025 के राज्य स्तरीय समारोह के दौरान रविवार को ओएमएफईडी (ओडिशा स्टेट कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन) से जुड़े दूध उत्पादकों के लिए प्रति लीटर 3 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की. यह समारोह मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग द्वारा लोक सेवा भवन में आयोजित किया गया. (Odisha News)
मुख्यमंत्री ने ओएमएफईडी से जुड़े डेयरी किसानों के लिए दुर्घटना मृत्यु सहायता के रूप में 1 लाख रुपये देने की घोषणा की. इसके साथ ही, उन्होंने ओडिशा की स्वदेशी बिंझारपुरी गायों से बने तीन नए ओएमएफईडी उत्पादों बाल्टी दही, ए2 दूध, और ए2 देसी गाय घी को लॉन्च किया.
मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “ओडिशा एक कृषि प्रधान राज्य है, और दूध उत्पादन हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राज्य के वर्तमान 26.4 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन को दोगुना करना है.” (Odisha News)

मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत लगभग 3 लाख पशुपालकों को 71 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता वितरित की. इसके अलावा, राज्य भर में 77 पंजीकृत गौशालाओं को आवारा और असहाय पशुओं के रखरखाव के लिए 10.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई.
इस योजना के तहत सरकार पशुपालन, भैंस पालन, बछड़ा प्रबंधन, पशु बीमा, और चारा खेती के लिए 70% वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. पंजीकृत गौशालाओं को प्रति गाय 20,000 रुपये की सहायता दो किश्तों में दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा, “186 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ कामधेनु योजना डेयरी क्षेत्र को बदल रही है और असहाय पशुओं की देखभाल सुनिश्चित कर रही है.” अब तक पहले चरण में 68 गौशालाओं को 9 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 77 गौशालाओं को 10.5 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.
दूध खरीद दर में संशोधन
संशोधित दूध खरीद दर से ओडिशा के लगभग 2.5 लाख डेयरी किसानों को लाभ होगा. उपभोक्ताओं के लिए प्रति लीटर 4 रुपये की कीमत वृद्धि में से राज्य सरकार 2 रुपये प्रति लीटर वहन करेगी, ताकि उत्पादकों की आय बढ़े और उपभोक्ताओं पर बोझ कम रहे.
महिलाओं की भूमिका और ग्रामीण रोजगार
उपमुख्यमंत्री प्रवति परिदा ने समारोह को संबोधित करते हुए डेयरी और जैविक खाद उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भर बनीं ओडिशा की महिलाओं की सराहना की. उन्होंने मिशन शक्ति समूहों की ग्रामीण उद्यमिता में भूमिका को “लाखपति दीदी” के रूप में उजागर किया. कानून और आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि डेयरी और पशुपालन ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन कर रहे हैं. मत्स्य पालन और पशुधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने कामधेनु योजना को दूध उत्पादन और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने वाली “क्रांतिकारी पहल” बताया.