हर साल 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. लोगों को तंबाकू से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 31 मई 1987 को इस दिन की शुरुआत की थी. तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानते तो सभी है फिर भी खाते हैं और अपनी सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं. आलम तो ये है कि आजकल टीवी में बड़े बड़े स्टार, अभिनेता इन गुटका तंबाकू का विज्ञापन करने लगे हैं, जिसके चलते युवा पीढी पर इसका ज्यादा प्रभाव देखने आ रहा है.
WHO के मुताबिक सिगरेट पीने की आदत की वजह से हर साल 8 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में मिल रही है, जिससे वायुमंडल जहरीला होता जा रहा है. यही वजह है कि स्मोकिंग न केवल इंसानों के फेफड़ों को खत्म कर रही है बल्कि पर्यावरण को भी इसका नुकसान हो रहा है. तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है. एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 9वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है. कई लोग तंबाकू को खाते हैं तो कई लोग इस स्मोकिंग करते हैं. तंबाकू सेवन करने के कारण कई प्रकार के कैंसर और स्वास्थ्य समस्याएं आपको धीरे-धीरे जकड़ लेती हैं और आपको इसके बारे में पता भी नहीं चलता. तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले गंभीर रोगों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है. Read More – Today’s Recipe : साउथ इंडियन डिश को इटेलियन ट्विस्ट देते हुए बनाएं Cheese Dosa, यहां जानें रेसिपी …
तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम?
विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) की हर साल एक विशेष थीम तय होती है. इस वर्ष की थीम काफी खास है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 (World No Tobacco Day) की थीम ‘वी नीड फूड-नॉट टोबैको’ है यानी हमें खाने की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं. इस थीम के जरिए WHO किसानों को तंबाकू उगाने के बजाय ज्यादा से ज्यादा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. यह अभियान सरकार से तंबाकू उगाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील भी करता है.
भारत में तंबाकू का इस्तेमाल
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तंबाकू का उपयोग करते हैं. भारत में टोबैको के इस्तेमाल का सबसे आम रूप गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा है. इसके अलावा स्मोकिंग के रूप में भी तंबाकू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं.
तंबाकू के सेवन से होने वाले रोग
फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को रहता है जो धूम्रपान करते हैं. धूम्रपान के कारण फेफड़े की कार्य प्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है और वह धीरे-धीरे कैंसर की चपेट में भी आ जाता है. आपके फेफड़ों के कैंसर का खतरा हर दिन आपके द्वारा धूम्रपान किए गए सिगरेट की संख्या और आपके द्वारा धूम्रपान किए गए वर्षों की संख्या के साथ बढ़ जाता है.
मुंह का कैंसर
नशीले पदार्थों के अत्यधिक सेवन से जब मुंह के अंदर के भाग जैसे जीभ, गाल, जबड़े या दाड़ कहीं भी किसी प्रकार की कठोरता या गांठ उभरने लगती है, तो उसे ही मुंह का कैंसर कहते हैं. मुंह के कैंसर से भारत में पुरुष के नहीं बल्कि महिलाएं भी जूझ रही हैं. मुंह के कैंसर की वजह से आपके बोलने की क्षमता भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है. तंबाकू का सेवन करने के कारण कई लोगों के मुंह से बोलते वक्त थूक भी निकलने लगता है. भारत में मुंह के कैंसर के 90% मामले धुंएरहित तंबाकू की वजह से होते हैं.
डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है
अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान न देने के कारण लोग कई प्रकार की बीमारियों से जूझते हैं और डायबिटीज भी उनमें से एक है. तंबाकू का सेवन और स्मोकिंग डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक मानी जाती है. इसलिए अगर आप डायबिटीज से बचे रहना चाहते हैं तो आज ही तंबाकू का सेवन छोड़ दें. Read More – Irregular Periods : खराब लाइफस्टाइल और तनाव के कारण इर्रेगुलर हो जाते हैं पीरियड्स, इन सुपरफूड्स को खाकर पाएं इस परेशानी से छुटकारा …
हृदय रोग
एक रिसर्च के अनुसार, हृदय रोग से मरने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. तंबाकू का सेवन करने वालों की बात करें तो हर पांचवां व्यक्ति हृदय रोग से जरूर पीड़ित होता है और उसके कारण उसकी मौत भी हो जाती है. धूम्रपान से खून में ट्राइग्लीसराईड बढ़ते हैं, इससे गुड कोलेस्ट्रॉल यानि एचडीएल कम हो जाता है. जिससे खून जमने की संभावना बढ़ जाती है, इस तरह दिल और दिमाग को खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता, खून की वाहिकाओं में फैट, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम आदि के रूप में प्लैक जमने लगता है. जिससे खून की वाहिकाएं मोटी और सकरी हो जाती हैं. जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है. इसलिए जो लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं, वे इस बात को जान ले कि जल्द ही आप हृदय रोग से पीड़ित होने वाले हैं.
कोलन कैंसर
कोलन कैंसर भी पाचन से जुड़ी एक समस्या है. कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण, पेट में दर्द, मल के कलर में बदलाव इत्यादि नजर आते हैं. इसके प्रमुख कारणों पर किए गए वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की ओर इशारा करते हैं कि तंबाकू का सेवन करने के कारण इसका जोखिम बहुत ज्यादा रहता है. इसलिए तंबाकू का सेवन ना करें और कोलन कैंसर की चपेट में आने से बचे रहें.
ब्लड प्रेशर बढ़ाता है तंबाकू
सिगरेट पीने से हाइपरटेंशन, एरिथमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ती है. समय के साथ ये समस्याएं गंभीर रोगों का रूप ले लेती हैं, जैसे कोरोनरी आर्टरी रोग, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, पेरिफरल आर्टरी रोग. इन रोगों से बचने के लिए अच्छा होगा कि आप धूम्रपान न करें.
दिमाग पर खतरनाक असर
तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को लगता है कि इसे खाने से उसे एक तरह की दिमागी शांति मिल रही है और वो इसका आदी हो जाता है. ऐसे लोगों को जब तंबाकू नहीं मिलता है तो वो बेचैन और परेशान हो जाते हैं.
गर्भपात का खतरा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15% अधिक होती है. तंबाकू के सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है.
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