World No-Tobacco Day: रायपुर. एक बार लगने वाली स्मोकिंग की लत को हरा पाना काफी मुश्किल होता है. ये सिर्फ शारीरिक तौर पर नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी पूरी तरह से आपको अपने गिरफ्त में ले लेती है. हम सब इस बात को जानते हैं कि तम्बाकू से कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है. हम इस बात को समझते हैं कि सिगरेट को छोड़ना इतना आसान नहीं होता, लेकिन ये नामुमकिन भी नहीं है. इस बार वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No-Tobacco Day) के मौके पर हम आपके लिए तम्बाकू छोड़ने का एक पॉजिटिव नजरिया लेकर आए हैं. ये है एक ऐसा तरीका जो वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित भी है और जो कि आपके शरीर के साथ आपकी जेब को भी बहुत फायदा पहुंचाएगा, हममें से ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें लगता होगा कि एकसाथ तम्बाकू छोड़ना मुमकिन नहीं हो पाएगा और इस डर के कारण वे तम्बाकू छोड़ने की शुरुआत ही नहीं कर पाते. तो क्यों न हम इसे धीरे- धीरे ही छोड़ने की कोशिश करें. इस बड़े लक्ष्य को हम छोटे-छोटे लक्ष्यों में तोड़ सकते हैं और ऐसे अपने आपको एक बेहतर जीवन की तरफ ले जा सकते हैं, याद रखिए हर बड़े काम की शुरुआत के लिए पहला कदम ही कठिन होता है. सिगरेट या तम्बाकू आप छोड़ते हैं वो आपकी एक जीत है और आपको अपने लक्ष्य के और करीब लेकर जाती है. तो आज ही तम्बाकू छोड़ने की तरफ एक नया कदम उठाएं.
आपकी इच्छाशक्ति को मजबूत बना सकती है ये थैरेपी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक सिगरेट में 4000 केमिकल्स होते हैं. जिनमें से कई केमिकल्स कैंसर पैदा कर सकते हैं. मगर लंग्स या शरीर के बाकी अंगों को नुकसान सिगरेट में मौजूद निकोटिन से नहीं, बल्कि टार और बाकी हानिकारक केमिकल्स से होता है. आपको बता दें कि टौबैंक हार्म रिडक्शन ब्योरी के जनक मिशैल रसैल 1976 में निकोटिन गम को विकसित किया था. ऐसा करते वक्त उन्होंने कहा था कि लोग निकोटिन के लिए स्मोकिंग करते हैं, लेकिन वे उसके टार से मर जाते हैं. ऐसे में एक बात तो साफ है कि सिगरेट में निकोटिन से ज्यादा खतरनाक उसका टार होता है.
हो सकती है ऐसी कई मुश्किलें
तम्बाकू की आदत छोड़ने के लिए एक असरदार टेक्निक है निकोटिन रिप्लेसमेंट थैरेपी. ये आपके शरीर को कम मात्रा में निकोटिन देती है, जिससे ये तम्बाकू की तलब को कंट्रोल करने में मदद करता है. इससे आपके शरीर को धीरे धीरे कम निकोटिन लेने की आदत पड़ जाती है और आप इस आदत से पूरी तरह से छुटकारा पा सकते हैं.
सिगरेट छोड़कर बचा सकते हैं लाखों रुपए (No Smoking)
रोज एक सिगरेट 10 साल में आपके 18,2500 रुपए खर्च कराती है. वहीं अगर आप सिगरेट छोड़ देते हैं तो अपने लाखों रुपए चचा सकतें हैं
अगर एकसाथ नहीं तो धीरे-धीरे ही कर सकते हैं तम्बाकू छोड़ने की शुरुआत
सिगरेट छोड़ने की राह पर हर मिनट होने लगेंगे ये फायदे
हम सबने सिगरेट या तम्बाकू के पैकेट पर ये लिखा हुआ जरूर पड़ा होगा कि सिगरेट स्मोकिंग इज इंजीरियस टू हेल्थ, पर हमारे लिए ये जानना भी बेहद जरूरी होगा कि इसको छोड़ने से हमारे शरीर को क्या क्या फायदे होंगे, वैसे हम ये जानते हैं कि सिगरेट या तम्बाकू की आदत से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है. पर अगर आप खुद से वादा कर लें तो इस मुश्किल काम को भी आसानी के साथ अंजाम दिया जा सकता है. आइए जानें कि इस राह में हमारे शरीर में कब कब और कैसे कैसे होंगे बदलाव.
20 मिनट-हार्ट रेट होने लगती है बेहतर
- मसलन, शुरुआत अगर हम सिगरेट छोड़ने के महज 20 मिनट बाद से करें तो इतनी देर में आपकी बॉडी रिएक्ट करना हर तरह से शुरू कर देती है. आपकी हार्ट रेट गिरने लगती है. इससे आपको धीरे धीरे घबराहट का अहसास कम होने लगता है.
कम होता है हार्ट- अटैक का खतरा
- इसके आगे 2 हफ्ते से 3 महीने के अंदर का खतरा कम होने लगेगा. आपका हार्ट सेफ जोन में आने लगेगा. हार्ट अटैक पड़ने
8-12 घंटे – गिरने लगता है कार्बन
- इसके 8 से 12 घंटे बाद आपके शरीर में ब्लड कार्बन मोनो ऑक्साइड का लेवल गिरने लगेगा.
बढ़ने लगेगी स्वाद और सूंघने की क्षमता
- सिगरेट छोड़ने के 48 घंटे बाद आपके अंदर कुछ पॉजिटिव बदलाव होंगे. आपके स्वाद लेने और सूंघने की क्षमता बढ़ने लगेगी
कुछ महीनों में कम होने लगता है कफ
- सिगरेट छोड़ने के 1 से 9 महीने के अंदर आपके सांस लेने की क्षमता सुधरने लगती है और कफ कम होने लगता है.
घटने लगता है हार्ट डिजीज का रिस्क
- सिगरेट छोड़ने के 1 साल बाद आपके शरीर में हृदय रोगों का खतरा कम होने लगता है. यानि की आपका रिस्क जोन कम होता है.