राजिम- महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र संगम पर छत्तीसगढ़ में चल रहे 15 दिवसीय राजिम कुंभ के आठवे दिन बुधवार को  नदियों के संरक्षण और मानव कल्याण की भावना के साथ श्रद्धालुओं ने लगभग तीन लाख साठ हजार दीये जलाकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सभी वरिष्ठजनों ने इसकी प्रशंसा की।

उल्लेखनीय है कि माघ पूर्णिमा प्रारंभ एक पखवाड़े का यह परम्परागत विशाल मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। मेले के आठवे दिन आज तीन लाख दीयों से रौशन त्रिवेणी संगम में उपस्थित साधु-संतों सहित लाखों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। हल्की बूंदा-बांदी  के बीच शाम को छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ से ज्यादा जनता की ओर से ये दीपक प्रज्ज्वलित किए गए। मेले में 28 सेक्टर बनाकर साधु-संतों के साथ-साथ स्कूल -कॉलेजों के विद्यार्थियों, आम नागरिकों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर नदियों के संरक्षण और विश्व तथा मानव कल्याण के लिए अपनी भावनाओं का इजहार किया। धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सचिव सोनमणि बोरा ने गरियाबंद जिला प्रशासन और राजिम की स्थानीय जनता के सहयोग से यह आयोजन किया। सुरक्षा की दृष्टि से बेरीकेट्स भी लगाए गए थे।

देखिये राजिम में 3 लाख 60 हजार दीप प्रज्वलन का विहंगम दृश्य.[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=6JtYacpXo-4[/embedyt]

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि राजिम कुंभ में आज एक साथ 3 लाख 60 हजार से अधिक दिए जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है। धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग द्वारा ढाई लाख दिए जलाने का लक्ष्य रखा गया था। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड में भी इस उपलब्धि को दर्ज किया गया है। सोनमणि वोरा ने बताया कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने अभी अंतिम प्रमाण पत्र नही दिया है।
  सोनमणि वोरा ने बताया कि नदी संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया था।  इसमे  माँ दंतेश्वरी मां बम्लेश्वरी सहित विभिन मंदिरों के पुजारियों और सेवादारों ने हिस्सा लिया। लगभग तीन हजार लोगों ने एक साथ दीप जलाए।उन्होनें बताया कि नदी संरक्षण और संवर्धन के लिए मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया था, जिसमे 11 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि कल 8 फरवरी को एक साथ डेढ़ लाख शंखनाद किया जाएगा। वोरा ने लोगों से अपील कि है कि वे अपने अपने घरों से शंख लेकर आएं और एक साथ शंखनाद कर नदी संरक्षण अभियान में सहभागी बनें।