देशभर में आज 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. हमारे ग्रह और मानवता का अस्तित्व मिट्टी के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है. हमारी भोजन का 95% से अधिक हिस्सा मिट्टी से आता है. जो पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक 18 में से 15 प्राकृतिक रासायनिक तत्व भी मिट्टी से प्राप्त होते हैं. इसीलिए हमें इस ‘मिट्टी’ की देखभाल करनी चाहिए. मृदा जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने, जैव विविधता को बनाए रखने और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाती है.
विश्व मृदा दिवस का इतिहास
विश्व मृदा दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (IUSS) ने की थी. बाद में, थाईलैंड साम्राज्य और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के प्रयासों से इसे 2013 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई. पहला विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर 2014 को मनाया गया. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …
उद्देश्य और महत्व
विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाने का उद्देश्य मृदा (मिट्टी) की अहमियत को पहचानना और इसके सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देना है. मिट्टी हमारी खाद्य आपूर्ति, पर्यावरणीय स्थिरता और जैव विविधता का आधार है. मिट्टी हमारे भोजन का आधार है और वैश्विक खाद्य उत्पादन का 95% हिस्सा मृदा से आता है. वहीं पारिस्थितिक संतुलन के लिए भी इसता महत्व है. मृदा पानी को शुद्ध करने, पौधों को पोषण देने और कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration) के जरिए जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करती है.
वहीं, इससे जैव विविधता का संरक्षण होता है क्योंकि मृदा लाखों जीवों का घर है, जो पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं. यह दिन स्वस्थ मृदा को बचाने के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाने और टिकाऊ मृदा प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देता है. Read More – Bhool Bhulaiyaa 3 का नया पोस्टर आया सामने, दीवाली पर खुलेगा तंत्र और मंत्र के साथ बंधा दरवाजा …
कैसे करें अपनी मिट्टी का संरक्षण
मिट्टी का कटाव प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ता है. यह पानी की घुसपैठ और भंडारण क्षमता को घटा देता है, जिससे पानी की उपलब्धता और खाद्य पोषण घटने लगता है. पोषक तत्वों और विटामिन की कमी, मिट्टी के क्षरण का सीधा प्रभाव है. इस संकट से निपटने के लिए सस्टेनेबल सॉइल मैनेजमेंट यानी टिकाऊ मृदा प्रबंधन को अपनाना अनिवार्य हो गया है. मिट्टी की रक्षा और उसकी उर्वरता बनाए रखने के लिए निम्न उपाय प्रभावी हैं.
- न्यूनतम जुताई: मिट्टी को अधिक तोड़ने से बचाना.
- फसल चक्रण: अलग-अलग फसलें उगाकर मिट्टी को पोषण देना.
- जैविक पदार्थ जोड़ना: कंपोस्ट और अन्य प्राकृतिक खादों का उपयोग.
- कवर क्रॉप्स: जमीन को ढकने वाली फसलें उगाना.
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