रेणु अग्रवाल,धार। आज विश्व गौरैया दिवस है. पक्षी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है. घरेलू गौरैया विलुप्त होने के कगार पर है. पहला विश्व गौरैया दिवस 2010 में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मनाया गया था. मप्र के धार जिले में पक्षियों का ‘कुतुब मीनार’ बनाया गया है. 60 फीट की ऊंचाई में बने इस पक्षी घर में 650 घोंसले हैं.
ग्रामीण अंचलों में गोरैया बड़ी संख्या में पाई जाती थी, लेकिन जैसे-जैसे गोरैया के आशियाने को मनुष्य ने जाने अनजाने खत्म करना शुरू किया, तो गौरैया भी कम ही दिखने लगी. लेकिन धार जिले के बदनावर में गौमाता सेवा संस्था के सदस्यों ने एक पहल की और परिंदों के रहने के लिए एक खूबसूरत आशियाना बनाया. यह खूबसूरत कुतुब मीनार सा दिखने वाला घर पक्षियों का है. इसे लेकर संस्था के सदस्यों ने सोशल मीडिया का उपयोग किया. एक मुहिम चलाई और दानदाता इस मुहिम से जुड़ते गए. तब जाकर यह पक्षी घर बनकर तैयार हुआ.
कुतुब मीनार सा लगने वाला यह पक्षी घर गौशाला परिसर बदनावर में गौमाता सेवा संस्थान के द्वारा निर्माण किया गया है. इस पक्षी घर को देखते ही कुतुब मीनार की याद आ जाती है. 60 फीट की ऊंचाई के इस पक्षी घर में 650 घोंसले बनाए गए हैं. पक्षी घर में करीब 2000 परिंदे अपने परिवार सहित सुरक्षित रह सकेंगे. पक्षी घर 7 स्टेप में बनाया गया है. 6 लाख की लागत से एक माह में बनकर तैयार हुआ है. इसे गुजरात के कारीगरों ने तैयार किया है. पक्षी घर को देखने के लिए लोग रोज यहां पहुंचते हैं. संस्था की पक्षियों को बचाने की यह पहल सराहनीय है.
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