राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। भारत में इस वक्त अगर किसी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है तो वह है 22 जनवरी 2024 का। यह वह तारीख है जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। कई संतों की मौजूदगी में पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। वहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की ख़बरों के इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया की सबसे बड़ी हस्तलिखित रामायण के बारे में जो मौजूद है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में।
बालाजी हनुमान मंदिर में रखी विश्व की सबसे बड़ी रामायण
भगवान श्रीराम का सबसे बड़ा मंदिर अयोध्या में है तो वहीं एमपी की राजधानी भोपाल के मंदिर में सबसे बड़ी रामायण मौजूद है। मेहंदीपुर बालाजी हनुमान मंदिर में रखी रामायण को विश्व की सबसे बड़ी रामायण होने का तमगा मिला हुआ है। 5333 पन्नों की श्री रामचरित मानस का वजन 170 किलो है। सवा चार फीट के रामायण की चौड़ाई 51 इंच है। विश्व की सबसे बड़ी रामायण पीले पन्नों पर लाल स्याही से लिखी गई है। इसकी वाइंडिंग करने के लिए जीआई तार का इस्तेमाल किया गया है।
149 दिन में लिखी गई रामायण
इस रामायण के लेखक की बात की जाए तो प्रोफेसर डॉ अरुण खोबरे ने अपने हाथों से इसे लिखा है। इसे लिखने के लिए प्रोफेसर खोबरे को 149 दिन लगे। उन्होंने 11 मार्च 2008 को रामायण लिखना शुरू किया था जिसे 7 अगस्त 2008 को पूरा कर लिया गया। रामायण को पूरा करने के लिए प्रोफेसर के अंदर कितना जुनून था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह हर दिन समय निकालकर 7 से 8 घंटे रामायण लिखते थे। रामायण पूरी करने के बाद इसे सहेजकर मेहंदीपुर बालाजी हनुमान मंदिर में लकड़ी और कांच के बाॅक्स में रखा गया। मंदिर जाने वाले हर श्रद्धालु एक बार इस रामायण के दर्शन जरूर करते हैं।
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