जयपुर. इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ‘ॐ’ (ओम) का प्रतीक माना जाता है. ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार राजस्थान में साकार हुआ है. राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर विश्व का पहला मंदिर है.

विश्वदीप गुरुकुल में स्वामी महेश्वरानंद के आश्रम में ओम की आकृति वाले इस भव्य शिव मंदिर का निर्माण करीब 250 एकड़ में फैले आश्रम के बीचोंबीच मंदिर बनाया गया है. शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है. एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है जबकि तीन खंड जमीन के ऊपर हैं. बीचोंबीच स्वामी माधवानंद की समाधि है. भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं. राजस्थान के इस ओम आश्रम में भगवान शिव की 108 अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. मंदिर परिसर में कुल 108 कक्ष हैं। इसका शिखर 135 फीट ऊंचा है.

ओम आश्रम में योगा विश्वविद्यालय भी

देश के सबसे अनूठे ॐ आकृति वाले जाडन आश्रम में शिवायल के अलावा श्री माधवानंद योगा विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है. चार मंजिला इस इमारत में स्कूल-कॉलेज भी होंगे. इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से करवाया जा रहा है.

कैसे पहुंचें ओम आश्रम जाडन पाली राजस्थान

जाडन आश्रम पाली से गुजर रहे नेशनल हाई 62 पर सड़क किनारे स्थित है. इसका निकटवर्ती एयरपोर्ट जोधपुर है, जो करीब 71 किलोमीटर दूर है. जाडन आश्रम ट्रेन के जरिए भी पहुंचा सकता है. ​दिल्ली से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन में मारवाड़ जंक्शन तक का सफर करना होगा. मारवाड़ जंक्शन यहां से 23 किलोमीटर है. पाली-सोजत रूट पर चलने वाली बसों के माध्यम से भी जाडन आश्रम पहुंचा जा सकता है.

विश्व का दूसरा ॐ मंदिर सिलवासा

विश्व का दूसरा ॐ मंदिर गुजरात के वापी के पास स्थित है. ये सिलवासा से करीब 10 किमी दूर कुडाचा गांव में बना है. ॐ आकार का विशाल ओम निखिलेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है. श्री निखिल त्रिमूर्ति प्रणव चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 21 अप्रैल 2004 को ‘ओम’ आकार के मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया था. भगवान शिव के अलावा, मंदिर में कुल 144 देवी-देवता हैं. ओम निखिलेश्वर महादेव मंदिर का क्षेत्रफल 40,000 वर्ग फीट है. ओम शिवालय का निर्माण गुजरात की सीमा और दमन गंगा नदी के किनारे पर हुआ है.

यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा

दादरा और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा के बारे में बात कर रहें है जो अपनी अद्भुत और रोमांच से काफी फेमस है. अगर आप अपनी गर्मियों की छुट्टियों की प्लानिंग कर रहें है तो यहां घूमने जाना आपके लिए एकदम सही रहेगा. यहां की प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़, हरियाली देखकर आपका यहां में वापिस घर जाने का मन नहीं करेंगा.

खूबसूरती के साथ रोमांच के लिए ये जगह बेस्ट है. प्राकृतिक की गोद में बना यह शहर अपने अलग-अलग स्थानों के लिए की प्रसिद्ध है. यहां का स्वामीनारायण मंदिर नक्षत्र वाटिका वानगंगा झील हिरण वन आदि जगह देखने लायक है.

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