आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. विश्व एड्स दिवस के दिन बस्तर में एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है. जिले में एड्स मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बीते एक साल से बस्तर जिले में ही 218 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. जिनमें पुरूषों की संख्या ज्यादा है, लेकिन अधिकांश उन महिलाओं को भी एड्स पीड़ित पाया गया है, जो दूसरे के घरों में घरेलु काम करने जाती है. इस बढ़ती संख्या को रोकने के लिए आज विश्व एड्स दिवस के मौके पर महारानी अस्पताल परिसर में एड्स जागरूकता परिचर्चा आयोजित की गई.
बस्तर में लगातार बढ़ रहे एड्स मरीजों की संख्या के बारे में जिला एड्स नियत्रंण समिति के काउंसलर मुकुल दीवान ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण अंचलों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में एड्स के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं. एचआईवी अब तेजी से गांवों में भी पैर पसार रहा है. काउंसलर ने बताया कि वर्ष 2003 से अब तक आईसीटीसी, मोबाइल वेन और गर्भवती, जचकी वाली महिलाओं समेत कुल 70 हजार लोगों की जांच की गई और इनमें से 1374 लोगों को एचआईवी पाजिटिव पाया गया, जिसे विभाग रिएक्टिव केस कहता है.
वहीं मार्च 2017 से मार्च 2018 के बीच 15000 लोगों की जांच की गई इनमें 202 लोग एड्स से पीड़ित मिले. वहीं मार्च 2018 से अक्टूबर 2018 तक 218 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. काउंसलर ने कहा कि आमतौर पर पुरूष ही एड्स की जांच कराने आते हैं इसलिए इनकी संख्या ही सबसे अधिक है, लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं है जो घरेलु काम करने दूसरे के घरों में जाती है वे एचआईवी पॉजिटिव मिली है.
उसलर के मुताबिक लोगों को एड्स से रोकथाम करने और उनमें जागरूकता लाने के लिए विभाग समय-समय पर शहरी और ग्रामीण अंचलों में नुक्कड नाटक प्रोजेक्टर और बैनर पोस्टर के माध्यम से जागरूक कर रही है, लेकिन हर वर्ष लगातार बढ़ रहे एड्स के मरीजों की संख्या से विभाग के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है.