नई दिल्ली . जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन में बुधवार को बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे. आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना 25वें दिन भी जारी रहा. पहलवानों का ये प्रदर्शन अब आंदोलन का रूप ले चुका है और देश भर के लोगों से उन्हें समर्थन भी मिल रहा है.
खिलाड़ियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 20 मई तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ तो 21 मई को बड़े आंदोलन की शुरुआत हो जाएगी. खिलाड़ियों ने बताया कि हरियाणा के गांव-गांव में धरने शुरू हो चुके हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार आरोपी को बचाने के लिए जांच और कार्रवाई में देरी पर देरी कर रही है.
पहलवानों के समर्थन में रोघी खाप ने हांसी लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया.भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. खाप के प्रधान सुमेर सिंह ने कहा कि सरकार के पास 21 मई तक का समय है. 21 मई को पूरे उत्तर भारत की खापों की मीटिंग महम में होगी. अगर सरकार 21 मई से पहले बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं करती तो खापों की महापंचायत में कड़ा फैसला लिया जाएगा. रोघी खाप के प्रधान ने कहा कि हम खिलाड़ियों के साथ हैं.अब आंदोलन किसान आंदोलन से भी बड़ा होगा. सरकार आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण को बचा रही है.हांसी के एसडीएम मोहित महाराणा ने बताया कि रोघी खाप द्वारा उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया है. वह यह ज्ञापन सरकार तक पहुंचा देगे.
पहलवानों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये लड़ाई सिर्फ महिला पहलवानों की नहीं है, बल्कि देश की हर महिला के मान-सम्मान की है जो किसी न किसी रूप से शोषण का शिकार होती हैं और अपनी आवाज नहीं उठा पातीं. महिला खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार अपनी बेटियों के साथ नहीं बल्कि अपनी पार्टी के एक हिस्ट्रीशीटर के साथ खड़ी है, जिस पर पहले से ही तीन दर्जन से ज्यादा गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. महिला खिलाड़ियों ने फिर दोहराया कि सरकार मांगें मान ले तो धरना खत्म कर अपने घर लौट जाएंगी. खिलाड़ियों के समर्थन में बुधवार को भी देश के विभिन्न राज्यों से किसान संगठन, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता, खाप पंचायतों के प्रतिनिधि, महिला संगठनों के प्रतिनिधि, देशभर के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों, छात्रों, खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पहुंचकर अपनी एकजुटता दिखाई.
महिला पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में महिलाएं जुट रही हैं. महिलाओं का कहना था कि ये देश की बेटियां हैं इनका हम साथ नहीं देंगे तो कौन देगा. जो इनके साथ हुआ है कल किसी और बेटी के साथ हो सकता है. हम सोई हुई सरकार को जगाने आए हैं. 80 साल की एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैं अपनी देश की बेटियों को इंसाफ दिलाने यहां पर आई हूं.