ग्रेटर नोएडा . यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का नया दफ्तर सेक्टर-18 में बनेगा. इसे 27800 वर्गमीटर में बनाया जाएगा, जिस पर करीब 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां पर अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा फरियादियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी.

यमुना प्राधिकरण के दफ्तर की 5 मंजिला इमारत को सिग्नेचर बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा. यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह इमारत यमुना एक्सप्रेसवे पर दूर से नजर आएगी. इसके निर्माण के लिए जल्द ही प्राधिकरण बिड निकालेगा. यमुना प्राधिकरण को बिल्डिंग का सिक्का और डिजाइन तैयार कर भेज दिया है.

दफ्तर में 1000 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. यमुना प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल यीडा का दफ्तर ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमेगा-1 में चल रहा है. यह काफी पुरानी इमारत है, अधिकारी-कर्मियों के बैठने की जिसमें ठीक व्यवस्था नहीं है. कर्मचारियों के बैठने के लिए छोटे-छोटे बूथ हैं. दस्तावेज को सुरक्षित रखने के लिए इंतजाम नहीं हैं. यहां दो मंजिलों पर विभाग चल रहे हैं. अब नया दफ्तर बनाने की तैयारी यीडा ने कर ली है. सिक्का और डीके एंड एसोसिएट से नए दफ्तर का डिजाइन तैयार कराया गया है. नए दफ्तर में कर्मचारी-अधिकारी के अलावा फरियादियों तक के लिए आधुनिक सुविधाएं होंगी.

350 करोड़ की लागत का भवन निर्माण में खर्च होने वाली भार प्राधिकरण स्वयं उठाएगा. भवन के बगल में शैक्षणिक संस्थान के लिए 30 हजार वर्गमीटर जमीन चयनित थी. इसे अब कॉमर्शियल कर दिया गया है, ताकि यहां पर ज्यादा से ज्यादा निवेश आ सके. शैक्षणिक संस्थानों के लिए सेक्टर में दूसरी भूमि तलाशी गई है.

चार जोनल दफ्तर भी बनेंगे

यमुना प्राधिकरण सेक्टर-17, 29, 22ई और 22डी में जोनल दफ्तर भी बनाएगा. यह दफ्तर चार-चार हजार वर्गमीटर में बनेंगे. एक जोनल दफ्तर को बनाने में 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां पर 100 से 125 अधिकारी और कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी. यह दफ्तर सार्वजनिक सेवाओं एवं जनसुविधाओं के लिए तैयार किए जाएंगे.

ये सुविधाएं होंगी

नई इमारत में सॉलर रूफ कवरिंग, नवीनीकरण ऊर्जा, मोशन सेंसिंग कंट्रोल्स, स्मार्ट तकनीकों पर आधारित सुविधाएं होंगी. अधिकारी, कर्मचारियों , आगंतुकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. प्राधिकरण भवन को स्टील बिल्डिंग के रूप में तैयार किया जाएगा. निर्माण में कम समय लगेगा. सुरक्षा और गुणवत्ता बेहतर होगी.