छठ पूजा से ठीक पहले हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में पानी का प्रवाह बढ़ा दिया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, हथनीकुंड बैराज से यमुना के मुख्य चैनल में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। इस कदम से जहां नदी का प्रवाह तेज हुआ है, वहीं उम्मीद की जा रही है कि इससे छठ पर्व पर श्रद्धालुओं को स्वच्छ घाटों और बेहतर माहौल का लाभ मिलेगा। हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल छठ पूजा के मद्देनज़र नहीं लिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, “हमारा मकसद यमुना का पुनर्जनन करना है। यह कदम नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और इसे स्वच्छ रखने की दिशा में उठाया गया है।”
छठ पूजा के लिए दिल्ली तैयार
छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों का प्रमुख लोकपर्व है, जिसे नदी किनारे सूर्य उपासना के रूप में मनाया जाता है। इसी बीच हरियाणा सरकार के कदम से यमुना नदी का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी से यमुना में जलस्तर बढ़ेगा, जिससे नदी का पानी अपेक्षाकृत साफ दिखाई देगा और छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को स्नान व अर्घ्य में सहूलियत होगी। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ा हुआ जल प्रवाह नदी के प्रदूषण स्तर को घटाने में मदद करता है। लगातार बहते पानी से रासायनिक और जैविक अपशिष्टों का घनत्व कम होता है, जिससे नदी की सेहत में सुधार होता है और उसके प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिलती है।
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार शाम 5 बजे से हथनीकुंड बैराज से यमुना की पूर्वी और पश्चिमी नहरों में पानी का प्रवाह पूरी तरह रोक दिया गया। ये नहरें आमतौर पर दिल्ली और हरियाणा की सिंचाई व पेयजल जरूरतों को पूरा करती हैं। इसके बजाय, पूरा पानी यमुना की मुख्य धारा में छोड़ा गया, जिससे नदी का प्रवाह उल्लेखनीय रूप से बढ़ गया। मंगलवार शाम 5 बजे यह प्रवाह 130.2 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड (क्यूमेक्स) दर्ज किया गया, जो रात 7 बजे तक बढ़कर 293.81 क्यूमेक्स तक पहुंच गया। यह मात्रा दिल्ली के लिए निर्धारित न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह (10 क्यूमेक्स) से करीब 30 गुना ज्यादा है।
यमुना घाटों पर गंदगी और बदइंतजामी से श्रद्धालु नाराज
कल यानी 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहे छठ महापर्व को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है, लेकिन दिल्ली में यमुना नदी के किनारे हालात फिर पुराने जैसे नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं को बदबूदार पानी, बिखरा कचरा और अधूरे इंतजाम परेशान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया था कि इस बार राजधानी में 1000 से अधिक घाटों पर भव्य आयोजन किया जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के वादों से मेल नहीं खा रही। जब ITO के छठ घाट पर मौके की पड़ताल की, तो कचरे के ढेर, गाद से भरी यमुना और अव्यवस्थित स्थल देखकर श्रद्धालु नाराज नजर आए। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल सफाई और स्वच्छ जल के वादे किए जाते हैं, लेकिन पूजा के दिन फिर वही बदहाल दृश्य देखने को मिलते हैं।
ITO घाट पर श्रद्धालु पहुंच रहे, शिकायतें शुरू
सुबह के वक्त जब श्रद्धालु ITO घाट पर पहुंचे, तो उनके सामने यमुना का काला पानी और किनारों पर बिखरा कचरा था। हवा में बदबू घुली हुई थी और घाट पर कपड़े बदलने या बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं दिखी। यहां स्नान करने आई महिलाओं को खुले में ही कपड़े बदलने को मजबूर होना पड़ा। सरकार के “खास इंतजामों” के दावे पर नाराजगी जताते हुए एक महिला ने कहा, “हर साल यही हाल है। पानी से बदबू आ रही है। कल तक कुछ बनने वाला नहीं, फिर पूजा कैसे करें?” एक व्रती से जब पूछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है, तो उन्होंने निराशा भरे लहजे में जवाब दिया, “क्या बताएं, हर साल यही देखने को मिलता है. गंदा, बदबूदार पानी और खुले में कपड़े बदलने की मजबूरी। यहां ऐसी कोई जगह नहीं है जहां महिलाएं आराम से कपड़े बदल सकें।” श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार भव्य आयोजन के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत पूरी तरह उलट है। घाटों पर सफाई, पानी की गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाओं की कमी ने आस्था के इस पर्व को चिंता और असुविधा में बदल दिया है।
सरकार का दावा: 1500 घाट, 17 मॉडल और खास सुविधाएं
एक तरफ जहां यमुना घाटों पर अव्यवस्था और गंदगी की तस्वीरें सामने आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ पर्व को लेकर भव्य तैयारियों का दावा किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने बताया कि इस बार राजधानी में करीब 1500 घाट तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें यमुना किनारे 23 बड़े घाट और 17 मॉडल घाट शामिल हैं। इन मॉडल घाटों को फूलों की सजावट, आकर्षक लाइटिंग और साफ-सफाई के विशेष इंतजामों से सजाया जा रहा है। रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना की सफाई के लिए जल प्रवाह बढ़ाया गया है, ताकि नदी का पानी छठ पूजा के दौरान साफ दिखे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “सभी घाट साफ-सुथरे रहेंगे, श्रद्धालुओं को टॉयलेट, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी, और व्रतियों पर पुष्पवर्षा की जाएगी।” सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 2021 में घाटों पर अवैध निर्माण से जुड़ी कुछ FIR को वापस लिया जाएगा, ताकि आयोजन में कोई बाधा न आए।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

