रायपुर। बहुचर्चित यश शर्मा हत्याकांड में स्पेशल जज एट्रोसिटी की अदालत ने सभी 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में तुषार पाहुजा, यश खेमानी, चिराग पंजवानी और तुषार पंजवानी शामिल हैं। मामले में केवल तीन महीने के भीतर फैसला सुनाया गया, जिसमें कुल 28 गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। यह हत्याकांड तेलीबांधा थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था।

जानिए क्या है पूरा मामला

मृतक यश शर्मा (उम्र 20 साल) रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के महावीर नगर का रहने वाला था। यश के पिता राजकुमार शर्मा की मौत हो चुकी है। उसकी मां अलग रहती है। यह अपनी दादी के साथ रहता था और सिंधी समाज में पंडिताई का काम करता था। यश की चाची वंशिका शर्मा के मुताबिक, 13 अक्टूबर 2024 के दिन यश को उसके दोस्त यश खेमानी ने फोन किया और पार्टी करने की बात कही। इसके बाद यश खेमानी कार लेकर तेलीबांधा के पास पहुंचा और यश शर्मा को साथ ले गया।

पुलिस को यश द्वारा दिए बयान के मुताबिक, कार में यश खेमानी के अलावा तुषार पंजवानी, तुषार पाहुजा और चिराग पंजवानी भी बैठे हुए थे। चारों ने यश शर्मा से उसके एक अन्य दोस्त तुषार तोलानी के बारे में पूछा कि वह कहां है। इस पर यश ने उसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। इसके बाद आरोपियों ने रिंग रोड के पास एक कैफे के बाहर कार रोक दी। आरोप है कि उन्होंने गाली-गलौज करते हुए यश को पीटना शुरू कर दिया। घायल यश के पुलिस को दिए बयान में लिखा है कि इस दौरान उसे बांस के डंडे से बेरहमी से मारा गया।

शगुन फॉर्म में कमरा बुक कर किया किडनैप

रात 2 बजे हुई इस मारपीट के बाद यश बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपी उसे कार में डालकर मेकाहारा अस्पताल ले गए। वहां बहाना बताकर डॉक्टर से दर्द की दवाई ली। फिर सुबह करीब 7 बजे VIP रोड स्थित शगुन फॉर्म के कमरा नंबर 107 में पहुंचे। वहां उन्होंने दो दिनों तक यश को बंधक बनाकर रखा। इस बीच भी आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। लात-घूसों से उसके छाती पर मारा।

यश की चाची वंशिका ने पुलिस को बताया कि मारपीट से यश की हालत बिगड़ी तो आरोपियों ने उसे चरोदा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। यश ने वहां से किसी तरह घर में फोन किया। आरोपियों ने उसे नाम और घटना न बताने की शर्त पर धमकी देते हुए घरवालों से बात करवाई। इसके बाद यश शर्मा ने डरकर घर वालों को एक्सीडेंट हो जाने का बहाना दिया। फिर घर आ गया। यश को शरीर के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। घर में वह दर्द में कराह रहा था। उसने खाना-पीना बंद कर दिया। यश की दादी को चिंता हुई तो उन्होंने परिवार के अन्य लोगों को बताया। फिर उसे इलाज के लिए AIIMS लेकर गए।

AIIMS के डॉक्टरों ने यश के परिजनों को जानकारी दी कि उसके सीने और पेट के हिस्से की आंतें फैल गई हैं। उसके मल-मूत्र की जगह में भी ब्लॉकेज हुआ है, जिससे मल का कुछ हिस्सा शरीर में भी फैल गया है और इंफेक्शन हो गया है। डॉक्टरों से जानकारी मिलने के बाद यश के परिजनों ने उससे सच बताने को कहा, तब यश ने अपने परिजनों को सारी जानकारी दी। इसके बाद उसके परिजनों ने 19 अक्टूबर को राजेंद्र नगर थाने में FIR दर्ज कराई।

वारदात की जानकारी मिलने पर पुलिस AIIMS पहुंची और होश आने पर यश का बयान दर्ज किया। यश ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने सिगरेट से उसकी कलाइयों को कई जगह जलाया है, जिससे हाथों में फफोले हो गए हैं। उसने होटल के कमरे में दर्द खत्म करने के लिए जबरन शराब पिलाने की भी बात कही थी।

परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने किया था गिरफ्तार

यश के चौंकाने वाले खुलासे और परिजनों द्वारा FIR दर्ज कराने के करीब डेढ़ महीने बीत जाने के बाद पुलिस ने दिसंबर महीने में तेलीबांधा के नंबर 7 में रहने वाले आरोपी तुषार पाहुजा की लोकेशन ट्रेस कर उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। इसके बाद करीब डेढ़ महीने तक पुलिस की स्पेशल टीम बाकी आरोपियों की तलाश करती रही, लेकिन कोई भी सुराग नहीं मिला। इस बीच यश के परिजनों ने राजेंद्र नगर थाने में जाकर हंगामा भी किया था।

मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने आरोपी चिराग पंजवानी, तुषार पंजवानी और सुशील खेमानी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि ये तीनों आरोपी 90 दिनों तक अलग-अलग शहरों में भटक रहे थे। इनकी लोकेशन की पुष्टि होने के बाद मध्य प्रदेश से रायपुर आते हुए बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

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