दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और अहम सफलता मिली है। एजेंसी ने इस केस में शामिल एक और आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया है। यासिर जम्मू-कश्मीर के शोपियां, श्रीनगर का रहने वाला है और उसे NIA ने दिल्ली से पकड़ा। इस गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। आरोपी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 26 दिसंबर तक NIA कस्टडी में भेज दिया गया है। NIA ने इसे नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

उमर की तरह आत्मघाती हमले की ली थी शपथ

NIA जांच से पता चला है कि 10 नवंबर को राजधानी में हुए कार बम विस्फोट की साजिश में यासिर की सक्रिय भूमिका थी। साजिश में सक्रिय भागीदार के रूप में, इसने कसम ली थी और आत्म बलिदान वाले अभियानों को अंजाम देने की कसम खाई थी। आरोपी यासिर इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ संपर्क में था। जिनमें उमर उन नबी (बम विस्फोट का आतंकी मृत अपराधी) और मुफ्ती इरफान शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार, यासिर के खिलाफ UAPA 1967 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, यासिर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।

NIA ने जब्त की कई डिजिटल डिवाइस

NIA इस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र और राज्यों की अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर तेजी से कार्रवाई कर रही है। इसी महीने NIA ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की थी, जहां से कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री कब्जे में ली गई थी। इन डिजिटल क्लूज के आधार पर जांच आगे बढ़ने लगी और NIA यासिर तक पहुंच सकी। इससे पहले एजेंसी ने फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी परिसर में भी सर्च ऑपरेशन चलाया था। वहां से इस केस के मुख्य आरोपियों डॉ। मुज़म्मिल शकील गनी और डॉ। शाहीन सईद से जुड़े ठिकानों पर तलाशी लेकर अहम सबूत जब्त किए गए थे।

10 नवंबर को हुए हमले में गई थी 11 लोगों की जान

बता दें कि 10 नवंबर 2025 को दिल्ली में लाल किले के पास हुए इस धमाके में करीब 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। राजधानी के इतने संवेदनशील क्षेत्र में हुए इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया था। तभी से NIA इस विस्फोट के पीछे की पूरी साजिश को समझने और उसे एक-एक कड़ी जोड़कर उजागर करने में लग गई है। एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक इस नेटवर्क के हर सदस्य को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता और टेरर मॉड्यूल को पूरी तरह ध्वस्त नहीं किया जाता।

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