सुधीर साहू, रायपुर. तीन दिन बाद साल 2024 हम सबसे विदा हो जाएगा. ये साल अब सिर्फ यादों में रह जाएगा. छत्तीसगढ़ में 2024 में कई बड़ी घटनाएं हुई, जिसे हर कोई याद रखेंगे. इन घटनाओं ने हर किसी का दिल दहला दिया था. चाहे वह बलौदाबाजार हिंसा हो, कवर्धा हादसा हो, दुर्ग जिले के कुम्हारी में बस पलटने की घटना हो या सूरजपुर डबल मर्डर कांड, कुछ ऐसी बड़ी घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. आइए साल 2024 की बड़ी घटनाओं के बारे में जानते हैं.
कवर्धा हादसा : तेज रफ्तार पिकअप पलटने से 19 लोगों की हुई थी मौत
कवर्धा. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में 20 मई को तेज रफ्तार पिकअप पलटकर 20 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 7 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी गांव के पास हुआ था. मरने वालों में 18 महिलाएं शामिल थी. इनमें मां-बेटी सहित 3 बच्चियां भी हैं.
घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया था. हादसे के दौरान पिकअप में 25 लोग सवार थे. सभी लोग तेंदूपत्ता तोड़कर गांव लौट रहे थे. हादसा इतना जबरदस्त था कि 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीएम ने जताया था दुख
हादसे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम विष्णु देव साय, पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज समेत कई नेताओं ने दुख जताया था. सीएम साय ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि दुख की इस घड़ी में सरकार मृतकों के परिजनों के साथ है. घायलों को इलाज की अच्छी सुविधा मिले, यह हम देख रहे हैं.
बलौदाबाजार हिंसा : कलेक्ट्रेट-एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ और आजगनी
बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई आगजनी और हिंसा की घटना को 6 महीने पूरे हो गए हैं. इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना में उपद्रवियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय को जला दिया था. हिंसा में उपद्रवियों ने 12.5 करोड़ की शासकीय एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
गिरौदपुरी धाम स्थित महकोनी ग्राम के अमरगुफा में तोड़फोड़ की घटना से समाज के लोगों में आक्रोश था. इस घटना को लेकर 10 जून को बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में एक सभा आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेशभर से सतनामी सामाज के लोग शामिल हुए थे. ज्ञापन सौंपने रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर जाने के दौरान कुछ उपद्रवी लोगों ने बलौदाबाजार के कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. इस आगजनी में दो दमकल की गाड़ियां सहित 200 से अधिक वाहन जलकर खाक हुए थे. वहीं 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
अब तक 186 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने आगजनी हिंसा, राजद्रोह, हत्या का प्रयास, बलवा सहित डेढ़ दर्जन से अधिक धाराओं में 14 एफआईआर दर्ज कर अब तक 186 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है, जिनमें भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव का नाम भी शामिल है. राज्य सरकार ने समाज की सीबीआई जांच की मांग पर महकोनी के अमरगुफा में धार्मिक प्रतीक चिन्ह जैतखाम को काटे जाने पर न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी. आयोग का नेतृत्व हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी वाजपयी कर रहे हैं.
कलेक्टर- एसपी किए गए थे निलंबित
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को घटना के तुरंत बाद ही राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था. 10 जून को पूरी घटना की जांच अभी जारी है. न्यायिक आयोग इस मामले में अलग से अपनी जांच कर रहा है.शहर वासियों का कहना है कि जो भी दोषी हो उन पर सख्त कारवाई होनी चाहिए.
लोहारीडीह हत्याकांड : हफ्तेभर में तीन लोगों की गई थी जान
कवर्धा. कबीरधाम जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के भीतर 3 लोगों की अलग-अलग कारण से जान चली गई थी. 14 सितंबर की दरमियानी रात शिव प्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकती मिली थी. शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई. वहीं इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया है. इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई.
मृतक प्रशांत की बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए थे. ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में हुई है. इसके बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को हटा दिया था. वहीं कबीरधाम एसपी, कलेक्टर को हटा दिया था. इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया था.
14 सितंबर की दरमियानी रात को शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या कर मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के गांव में हत्या कर शव को पेड़ में लटका दिए थे और अरोपियों ने जुर्म को छुपाने के लिए फांसी का रूप दे दिया था. इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने प्राथिमक जांच में आत्महत्या करार दे दिए थे. इसके बाद इस मामले में खूब राजनीति हुई. मृतक कचरू साहू की बेटी ने आरोप लगाई थी कि मेरे पिता ने आत्महत्या नहीं की है. उसको मार कर लटकाया गया है. उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें दोबारा पीएम हुई. उसके बाद मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस ने घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की तब जाकर स्पष्ट हुआ कि कचरू साहू की हत्या हुई है. इस मामले में 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है.
वहीं रघुनाथ साहू की हत्या के आरोप में पुलिस ने 166 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें 33 महिला सहित 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. रेंगाखार थाने में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें ग्रामीणों ने आवेदन दी थी. 23 लोग निर्दोष हैं. उनको भी सलाखों के भीतर रखा गया, इस पर कबीरधाम पुलिस ने एसआईटी टीम गठित की थी, जिसमें इन 23 लोगों के खिलाफ पुलिस कोई सबूत नहीं जुटा पाई थी. इसके चलते इन लोगों के खिलाफ दर्ज चार एकआईआर को समाप्त कर जमानत दे दी गई है.
कुम्हारी हादसा : कर्मचारियों से भरी बस पलटी, 13 लोगों की मौत
भिलाई: कुम्हारी थाना क्षेत्र में केडिया डिस्टलरी कंपनी की कर्मचारियों से भरी बस पोल से टकराकर 50 फीट गहरी खाई में गिरने से 13 कर्मचारियों की मौत हुई थी, वहीं 15 घायल हुए थे. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था. यह घटना 10 अप्रैल की है.
कुम्हारी के केडिया डिस्टलरी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी 8 बजे छुट्टी होने के बाद बस में सवार होकर अपने घर जाने के लिए निकले. बस 200 मीटर आगे ही गई थी कि सड़क किनारे लगे पोल से टकराकर खाई में जा पलटी. बस में करीब 30 से 35 कर्मचारी सवार थे, जिनमें 13 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 3 महिलाएं भी थी. वहीं 15 कर्मचारी घायल हुए थे.
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और एसडीआरएफ की टीम पहुंची. रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बस में फंसे लोगों को बाहर निकाला. सभी घायलों को कुम्हारी के सरकारी अस्पताल भिजवाया गया. वहां से गंभीर घायलों को एम्स भेजा गया. दुर्ग लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल और कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू घायलों का हालचाल जानने कुम्हारी अस्पताल पहुंचे थे. घायलों से मिलने देर रात डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी एम्स पहुंचे थे.
पीएम मोदी, सीएम साय समेत अन्य नेताओं ने हादसे पर जताया था दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने भिलाई बस हादसे के बारे में एक्स पर लिखा था –” छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हुआ बस हादसा अत्यंत दुखद है. इसमें जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है.” सीएम विष्णुदेव साय ने शोक जताते हुए एक्स पर लिखा था, “दुर्ग के कुम्हारी के पास निजी कंपनी के कर्मचारियों से भरी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की दुःखद सूचना मिली. इस दुर्घटना में 11 कर्मचारियों के निधन की खबर मिली. मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति और संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. दुर्घटना में घायल कर्मचारियों के इलाज का समुचित प्रबंध किया गया है. उनके जल्द ठीक होने की कामना करता हूं.
हादसे में इन लोगों की हुई थी मौत
कौशल्या निषाद, राजू ठाकुर, त्रिभुवन पांडेय, मनोज ध्रुव, मिकू भाई पटेल, कृष्णा, राम बिहारी यादव, कमलेश देशलहरे, परमानंद तिवारी, पुष्पा देवी पटेल, शांति बाई देवांगन और अमित सिन्हा शामिल है. बस एक्सीडेंट के बाद हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजन बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचने लगे. अपने परिजन की तलाश में लोग अस्पतालों में भटकने लगे. भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने अस्पतालों में पुलिस जवान तैनात कर दिए.
बलौदाबाजार-अभनपुर : आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की गई थी जान
बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 9 लोगों की मौत हुई थी. बलौदाबाजार जिले में 7 लोगों की एक साथ जान गई थी. यह घटना 8 सितंबर की है. सभी शाम 5 बजे पेड़ के नीचे बैठकर बातचीत कर रहे थे, तभी अचानक बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई. वहीं अभनपुर में भी भाई-बहन की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हुई थी. इस घटना ने हर किसी का दिल झकझोर दिया था.
7 लोगों की मौत का मामला मोहतरा गांव का है. गांव के कुछ लोग तालाब किनारे पेड़ के नीचे बैठकर बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान अचानक मौसम बदला और आकाशीय बिजली गिर गई. इसकी चपेट में 10 लोग आए, जिसमें से 7 की मौत हो गई. मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया.
बलौदाबाजार घटना में इनकी हुई मौत
- मुकेश पिता राजन उम्र 20 साल
- टंकार पिता हेमलाल साहू उम्र 30 साल
- संतोष पिता महेश साहू उम्र 40 साल
- थानेश्वर पिता दाउ साहू उम्र 18 साल
- पोखराज पिता दुखू विश्वकर्मा उम्र 38 साल
- देव पिता गोपाल दास उम्र 22 साल
- विजय पिता तिलक साहू उम्र 23 साल
हर संभव सहायता दी जाएगी- मंत्री टंकराम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर दुख जताया. वहीं मंत्री टंकराम वर्मा ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना था. साथ ही पीड़ित परिवार से भी बातचीत की थी. टंकराम ने कहा था कि बहुत दुखद घटना है, हम पीड़ित परिवारों के साथ और हर संभव मदद करेंगे. मंत्री ने कलेक्टर दीपक सोनी को आपदा राहत राशि को जल्द से जल्द देने के निर्देश दिए थे.
अभनपुर में भाई-बहन की हुई थी मौत
8 सितंबर को ही रायपुर के अभनपुर में भी आकाशीय बिजली गिरने से भाई और बहन की मौत हुई थी. तीजा पर्व के लिए आई बहन को भाई वापस घर छोड़ने जा रहा था, पानी गिरने के कारण दोनों रास्ते में रुके हुए थे. उनके साथ में एक बच्ची भी थी. बच्ची की हालत सामान्य है. यह घटना जंगल सफारी चौक ग्राम उपरवारा के पास हुई. बहन राजिम के कोपरा की रहने वाली थी. वहीं, भाई टिकरापारा रायपुर का रहने वाला था.
सूरजपुर डबल मर्डर : प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या
सूरजपुर. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दोनों के शव को घर से करीब 5 किमी दूर पीढ़ा गांव में नहर के पास फेंक दिया गया था. इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था. इस मामले में आईजी ने विशेष जांच टीम का गठन किया था. आरोपी कुलदीप साहू समेत 5 आरोपियों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सीके चौधरी भी शामिल था. पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
बता दें कि सूरजपुर के चौपाटी में एक पुलिसकर्मी से कुलदीप साहू ने बहस किया. यह कहकर कि ‘तुम्हारी पुलिस मेरा जीना हराम कर रखी है’. इस पर आरक्षक ने कहा ‘मैं तो एक आरक्षक हूं, वरिष्ठ अधिकारी जो कर रहे होंगे, मुझे क्या पता’ तो उसने होटल में कढ़ाई में रखा खौलते हुआ तेल आरक्षक पर फेंक दिया. इससे आरक्षक पूरी तरह जल गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर किया गया. मामले की जानकारी के बाद कुलदीप के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की गई. इस दौरान अंधेरे में वह एक कार में बैठा हुआ था. इस दौरान उसने पैदल खोजबीन कर रहे पुलिस वालों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया.
इसी बीच शहर से बाहर महगंवा स्थित प्रधान आरक्षक तालिब शेख के किराए के मकान का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा तभी तालिब शेख की पत्नी ने अपने पति को कॉल किया, लेकिन बात नहीं हो पाई. उसके बाद तालिब शेख ने भी अपनी पत्नी से कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई. इसके बाद प्रधान आरक्षक को अंदेशा हुआ और घर पहुंचा, जहां प्रधान आरक्षक शेख ने देखा कि घर में खून फैला हुआ था, बीवी और बच्ची घर पर नहीं थे. वहीं घर के बाहर चाकू मिला और काफी सरगर्मी से तलाश शुरू की गई तो पत्नी और बेटी की लाश शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर मिली.
कुलदीप लगातार कार्रवाई से था नाराज
हत्या की वारदात के बाद खबर यह भी सामने आई कि कुलदीप कोतवाली पुलिस की लगातार कार्रवाई से नाराज था. ऐसे में कुलदीप के भाई संदीप ने एक व्यक्ति को छत से धक्का दे दिया था. मामले की शिकायत पर जब पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार किया तो उसके भाई कुलदीप ने बहुत हुज्जत की थी. विवाद तब और गहराया जब जिला बदर हो चुके कुलदीप के चाचा के खिलाफ जिला बदर की अवहेलना के मामले में कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि पुलिस की लगातार कार्रवाई से कुलदीप बौखलाया हुआ था.
ये हैं आरोपियों के नाम
- कुलदीप साहू पिता अशोक साहू
- आर्यन विश्वकर्मा पिता संजय विश्वकर्मा
- फूलसिंग पिता गणपत सिंह
- चंद्रकांत चौधरी पिता शिवप्रसाद चौधरी
- सूरज साहू पिता राजाराम साहू
सीतापुर हत्याकांड : युवक की हत्या कर पानी टंकी के नीचे दफनाया था शव
सरगुजा. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सीतापुर में आदिवासी युवक संदीप लकड़ा की दृश्यम फिल्म की स्टाइल में हत्या की गई थी. घटना के बाद से मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय फरार था, जिसे सरेंडर करने कोर्ट पहुंचने पर सरगुजा पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
बता दें कि सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा में रहने वाले मृतक आदिवासी युवक संदीप लकड़ा तीन महीना से लापता था. परिजनों ने हत्या करने की आशंका जताते हुए थाने में शिकायत दर्ज की थी. वहीं आदिवासी समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद मामला दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि संदीप लकड़ा के शव को मैनपाट के ग्राम लुरैना में पानी टंकी के नीचे दफनाया गया है. पुलिस ने पानी टंकी को ढहाकर 15 फीट नीचे से शव को बरामद किया था.
इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था. वारदात के बाद से मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय फरार चल रहा था. उस पर आईजी ने 30 हजार व एसपी ने 10 हजार और सर्व आदिवासी समाज ने 5 लाख का इनाम घोषित किया था. मुख्य आरोपी अभिषेक सरेंडर करने कोर्ट पहुंचा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
निरीक्षक, सब इंस्पेक्टर और एक आरक्षक को आईजी ने किया था निलंबित
इस मामले में पुलिस पर लीपापीतो का आरोप लगाने और आदिवासी समाज के लगातार प्रदर्शन के चलते आईजी सरगुजा ने निरीक्षक सहित सब इंस्पेक्टर और एक आरक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर चुके हैं. मुख्य आरोपी ठेकेदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर समाज का प्रदर्शन लगातार जारी था.
सरकार ने मृतक की पत्नी को दी है नौकरी
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, पीड़ित परिवार और सर्व आदिवासी समाज के बीच वार्ता हुई थी. वार्ता में सीएम के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल शामिल हुए थे. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मृतक के बच्चों की हायर सेकंडरी स्कूल तक निशुल्क पढ़ाई, संविदा के रूप में मृतक की पत्नी को नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया था. साथ ही सीएम मद से 25 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की थी. इसके बाद समाज ने आंदोलन खत्म कया था और 22 दिन बाद संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार हुआ था.
भिलाई में हिस्ट्रीशीटर का एनकाउंटर : अमित जोश के खिलाफ दर्ज है 40 मामले
दुर्ग. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने भिलाई नगर थाना क्षेत्र में जयंती स्टेडियम के सामने हिस्ट्रीशीटर बदमाश अमित जोश को एनकाउंटर में मार गिराया था. निगरानीशुदा बदमाश अमित जोश लंबे समय से फरार चल रहा था. उसने 25-26 जून 2024 की रात फायरिंग कर दो लोगों पर जानलेवा हमला किया था. अमित जोश के दहशत से दुर्ग पुलिस परेशान थी.
पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर में ढेर हुआ बदमाश अमित जोश आदतन अपराधी था. उस पर 40 से ज्यादा मामले पुलिस में दर्ज थे. दुर्ग पुलिस ने जयंती स्टेडियम के सामने बदमाश को घेर लिया. खुद को पुलिस से घिरता देख बदमाश अमित जोश ने पुलिस पर हमला किया. जवाबी फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर अमित जोश ढेर हो गया. पुलिस के मुताबिक मारा गया बदमाश अमित जोश हत्या के केस में सजा भी काट चुका था.
पुलिस ने बदमाश अमित जोश पर रखा था 35 हजार का इनाम
पुलिस की दर्ज रिपोर्ट में भिलाई के ग्लोब चौक पर अमित जोश ने तीन लोगों पर जानलेवा हमला किया था. हमले के बाद से ही पुलिस की टीमें लगातार अमित जोश का पता लगाने में जुटी हुई थी. वारदात वाले दिन भी पुलिस को अमित जोश के बारे में मुखबिर से खबर मिली. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी जैसे ही शुरू की जयंती स्टेडियम के पास बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें निगरानीशुदा बदमाश मारा गया. मारे गए बदमाश अमित जोश पर पुलिस ने 35 हजार का इनाम घोषित किया था.
बलरामपुर थाने में सुसाइड : भीड़ ने कोतवाली में की तोड़फोड़, पथराव
बलरामपुर. जिला मुख्यालय में 24 अक्टूबर को पुलिस कस्टडी में गुरु चंद मंडल की मौत से पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. बलरामपुर कोतवाली में समाज के लोगों ने काफी तोड़फोड़ की थी, जिसमें थाने में लगी रेलिंग, खिड़की टूट गई थी. दरवाजे पर पत्थरबाजी भी की गई थी. पुलिस ने काफी मशक्कत कर मामला शांत कराया था.
इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति भी काफी गर्म हो गई थी. पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़ा हो रहे थे. इन सभी के बीच झारखंड राज्य के गढ़वा थाना अंतर्गत मृतक गुरु चंद मंडल की पत्नी रीना मंडल गिरी का शव कोयल नदी के किनारे 30 अक्टूबर 2024 को मिलने के बाद घटना में एक नया मोड़ आया. झारखंड पुलिस ने रीना मंडल के शव का शिनाख्त रीना गिरी के भाई बदला गिरी से कराया और उसकी पहचान भी रीना गिरी के रूप में ही की गई. मामला दर्ज कर गढ़वा पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में बारीकी से जांच की, जिसके बाद आज झारखंड की गढ़वा पुलिस बलरामपुर पहुंची और रीना गिरी हत्याकांड में ससुर शांति मंडल, रिश्तेदार रमेश मंडल, ललिता मंडल एवं सहयोगी बीरा लकड़ा चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
रीना की हत्या के लिए तीस हजार में हुई थी डील
पूरे मामले में गढ़वा पुलिस ने बताया कि रीना मंडल की हत्या के लिए ससुर व पति ने 30000 रुपए की फिरौती दी थी. रिश्तेदार रमेश मंडल व उसकी पत्नी ललिता मंडल ने झारखंड पुलिस को बताया कि 30 हजार रुपए में वारदात को अंजाम देने के लिए डील हुई थी. 29 सितंबर को 18000 रुपए उन्हें प्राप्त हो गए थे. इसके बाद रमेश मंडल अपने दोस्त वीरू को फोन करके गाड़ी में रीना मंडल को बैठाकर झारखंड के गढ़वा स्थित कोयल नदी पर ले गया और हाथ पैर बांधकर नीचे फेंक दिया. उसका मोबाइल भी नदी में ही फेंक दिया था. इसके बाद लगभग 9:30 बजे वह बलरामपुर वापस भी आ गए थे. आने के बाद बचे हुए पैसे भी रमेश मंडल को प्राप्त हो गए थे.
पुलिस को गुमराह करने ससुराल पक्ष ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
आरोपियों ने गढ़वा पुलिस को बताया कि जैसे ही रीना गिरी का अपहरण कर उसे झारखंड ले जाया गया तो प्लानिंग के तहत पति गुरुचंद मंडल को फोन कराया गया, जिसमें कहा गया कि मैं आपसे बहुत दूर जा रही हूं, मेरा चिंता मत करना, बस इतने ही बात को रिकॉर्डिंग कर लिया. इस रिकॉडिंग को 30 सितंबर की सुबह पति गुरु चरण मंडल व ससुर शांति मंडल ने कोतवाली पुलिस में रीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट के दौरान पेश किया गया और उक्त रिकॉर्डिंग को रीना गिरी के भाई-बहन व माता-पिता को भी भेज दिया गया था, ताकि बलरामपुर पुलिस और ससुराल पक्ष को भी गुमराह किया जा सके.
बलरामपुर पुलिस ने बवाल से पहले पूरी घटना से उठा लिया था पर्दा
जानकारी के अनुसार बलरामपुर पुलिस ने पूरी घटना पर बारीकी से जांच करते हुए बलरामपुर बवाल के पूर्व ही अपनी जांच पूरी कर ली थी. लगभग आरोपियों की भी पहचान कर ली थी. घटनाक्रम भी पूरी तरह से सामने आ गई थी. इसी बीच पति गुरु चंद मंडल को जब इसकी जानकारी लगी तो उसने खुद ही पुलिस थाने में आत्महत्या कर ली. आत्महत्या के बाद पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. सूत्रों की माने तो अगर गुरुचंद ने पुलिस स्टडी में आत्महत्या नहीं की होती तो इस घटना से पर्दा बलरामपुर पुलिस ही उठा दिया होता. हालांकि झारखंड पुलिस ने बलरामपुर पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
बलौदाबाजार : जादू-टोना के शक में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या
बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था, जहां एक ही परिवार के 4 लोगों की निर्मम हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई. यह मामला कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम छरछेद का है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस के मुताबिक, प्रथम दृष्टया आरोपियों ने टोनही के संदेह में 2 बहन, 1 भाई और 1 बच्चे की निर्मम हत्या की है. पुलिस ने संदेह के आधार पर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों एक ही परिवार के हैं.
हत्या की सूचना पर थाना कसडोल का पुलिस बल तत्काल घटना स्थल पर पहुंचा. पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रकरण में तीन संदेहियों को हिरासत में लिया, जो मृतक परिवार के ही पड़ोसी है. प्रारंभिक पूछताछ में संदेही/आरोपियों द्वारा अपनी बच्ची की तबीयत खराब होने में मृतक परिवार द्वारा जादू टोना करने का शक होना बताया गया.
मृतकों के नाम
- चेतराम उम्र करीब 40 साल
- जमुना बाई केवट
- यशोदा बाई केवट
- एक बच्चा, उम्र एक साल
पकड़े गए आरोपियों के नाम
- रामनाथ पाटले (पिता सुखी पाटले)
- दीपक पाटले (पिता रामनाथ पाटले)
- दिल पाटले (पिता रामनाथ पाटले)
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