Year Ender 2024: साल 2025 के आने में अब सिर्फ 2 दिन बाकी है। उसके बाद नई उम्मीदों के साथ नए वर्ष का सभी बड़े उत्साह से वेलकम करेंगे। इस साल 2024 में मध्य प्रदेश में कई बड़े कदम उठाए गए, जिससे प्रदेश वासियों को काफी राहत मिली। 13 दिसंबर 2023 को नए मुखिया के रूप में शपथ लेने वाले सीएम डॉ. मोहन यादव ने सत्ता संभालने के बाद साल 2024 में RTO चेक पॉइंट में भ्रष्टाचार की खबर सामने आते ही बेरियर (नाका) खत्म कर दिया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने 52 साल पुराना फैसला पलटते हुए निर्णय लिया कि सभी नेता अपना टैक्स भरेंगे। आइये जानते हैं इस साल सीएम ने क्या बड़े फैसले लिए…
सिविल सेवा में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण:Year Ender 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की महिलाओं को सिविल सेवा में आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया था। उन्होंने सिविल सेवा आयोग में महिलाओं की नियुक्ति में 33% आरक्षण को बढ़ा कर 35% कर दिया। भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं को राहत देते हुए उन्होंने कहा था कि पीएससी और ईएसबी की नियुक्ति में 35% आरक्षण दिया जाएगा।
RTO चेक पोस्ट बंद कर खत्म किया भ्रष्टाचार:Year Ender 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चेक पोस्ट पर भ्रश्टाचार की खबरों पर तत्काल एक्शन लिया था। सीएम ने 1 जुलाई से बार्डर पर परिवहन विभाग अपने सभी बैरियर बंद करने का बड़ा निर्णय लिया था। हालांकि प्रदेश के भीतर परिवहन विभाग के फ्लाइंग स्क्वाड को इसी तरह काम करने के लिए कहा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि “परिवहन क्षेत्र में मध्यप्रदेश में कुछ बदलाव किए गए हैं। चेक पोस्ट संबंधी नई व्यवस्था शीघ्र लागू की जा रही है। एक जुलाई से परिवहन चेक पोस्ट जो अन्य प्रांतों की सीमा पर वाहनों के आवागमन के संबंध में भूमिका अदा करती हैं। वहां संबंधित जिला प्रशासन के साथ तालमेल कर वर्तमान में हो रही अव्यवस्थाओं को दूर करने और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का कदम उठाया गया है।”
कुलपतियों को बनाया कुलगुरु
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत की सांस्कृतिक पहचान बनाने के लिए कुलपतियों को ‘कुलगुरु’ का दर्जा दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी देकर विधेयक पारित किया।
बदल गया बाबा महाकाल की ‘शाही सवारी’ का नाम:Year Ender 2024
उज्जैन में सालों पहले से निकल रही ‘बाबा महाकाल’ की सवारी के आगे से शाही शब्द हटा दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे नया नाम ‘राजसी सवारी’ दिया। सीएम ने 2 सितंबर को कहा था, आज उज्जैन में बाबा महाकाल की आखिरी “राजसी सवारी” निकल रही है। बाबा का जनता से सीधा सरोकार है। उनकी कृपा सब पर बनी रहे। इस साल आदिवासी कलाकार शामिल किये गए और शासकीय बैंड शामिल किए गए।:
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा था कि “यह मात्र सवारी नहीं, अपितु बाबा का जनता के साथ सीधा सरोकार है। मैं देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं का बाबा महाकालेश्वर की राजसी सवारी में स्वागत, वंदन एवं अभिनन्दन करता हूं।”
1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती
सीएम डॉ. मोहन यादव ने न सिर्फ युवाओं को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। बल्कि उनके रोजगार को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया। सीएम ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का पिटारा खोलकर 1 लाख पदों पर भर्ती का निर्णय लिया था। सरकार ने सभी विभागों ने जानकारी मांगी थी कि किस विभाग में कितने मैन पावर की आवश्यकता है। सभी विभागों की डिमांड के अनुसार सरकार ने एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया था।
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के बच्चों की परवरिश का लिया फैसला
एमपी की डॉ. मोहन यादव सरकार ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए अपराधियों पर सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। वहीं रेप पीड़ितों के बच्चों की परवरिश लेने का भी निर्णय लिया था। सीएम ने फैसला लिया था कि दुष्कर्म पीड़िताओं के बच्चों के पुनर्वास और कल्याण की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। उनके बच्चों को एक ही स्थान पर परवरिश के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए हर जिले को दस-दस लाख रुपए दिए जाएंगे।
मंत्रियों को खुद इनकम टैक्स जमा करने का निर्देश
कैबिनेट बैठक के दौरान लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर भी देखा गया। सीएम ने मध्य प्रदेश के मंत्रियों के इनकम टैक्स भरे जाने वाले अधिनियम को समाप्त कर दिया। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी मंत्री अपना टैक्स खुद जमा करेंगे। इससे पहले सरकारी संपत्ति से उनका आयकर जमा होता था। लेकिन जनता का पैसा बचाने का बड़ा निर्णय लेते हुए सीएम ने बड़ी मिसाल पेश की।
सैनिक और पुलिस विभाग के शहीद परिवार में पत्नी के अलावा माता-पिता को भी सम्मान राशि देगी सरकार
मोहन सरकार ने इस साल उन जवानों के परिवार के लिए भी निर्णय लिया जो पैरामिलिट्री, मिलिट्री या पुलिस में देश सेवा करते हुए शहीद हो जाते हैं। सरकार ने निर्णय लिया था कि अब शहीदों को राज्य सरकार से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत उनके माता-पिता को दिया जाएगा। पहले किसी घर का इकलौता बेटा शहीद हो जाता था तो मिलने वाली राशि उसकी पत्नी को दे दी जाती थी। पत्नी पैसे लेकर चली जाती थी और परिवार वंचित हो जाता था। लेकिन इस फैसले के बाद उनके माता-पिता को राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत राशि देने का निर्णय किया।
अफसरशाही पर सख्ती
- मोहन सरकार ने इस साल कई ऐसे बड़े फैसले किए जिसने साबित कर दिया कि लापरवाही पर अफसरों पर भी गाज गिर सकती है। हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट पर तत्काल एक्शन लेते हुए कलेक्टर और एसपी को हटा दिया।
- जनवरी में एक बैठक के दौरान आईएएस अधिकारी का एक ट्रक ड्राइवर की ‘औकात’ पर सवाल उठाने वाके कन्याल को भी बाहर कर दिया गया था। सीएम ने अगले 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाकर नरसिंहपुर कलेक्टर रिजु बाफना को पदस्थ किया।
- सागर जिले के शाहपुर क्षेत्र में दीवार गिरने से हुई नौ बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई की थी। उन्होंने तत्काल कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। साथ ही सीएमओ को भी सस्पेंड कर दिया।
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